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पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहा जाता है. सफला एकादशी साल 2021 की अंतिम एकादशी है. सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है और व्रत (Fast) रखा जाता है. व्रत वाले दिन पूजा के समय सफला एकादशी व्रत की कथा (Saphala Ekadashi Vrat Katha) का श्रवण किया जाता है. यदि आपको अपने कार्यों में सफलता चाहिए तो आपको सफला एकादशी का व्रत करना चाहिए. इस व्रत के पुण्य फल से सभी कार्यों में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं कि सफला एकादशी कब है, उसकी सही तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व क्या है.
सफला एकादशी 2021 तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष का एकादशी तिथि का प्रारंभ 29 दिसंबर दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 12 मिनट से हो रहा है. इस तिथि का समापन अगले दिन 30 दिसंबर दिन गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में सफला एकादशी का व्रत 30 दिसंबर को रखा जाएगा.
सफला एकादशी 2021 पूजा मुहूर्त
सफला एकादशी की पूजा आप प्रात:काल में कर सकते हैं. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक है. इस समय में भी पूजा कर सकते हैं.
सफला एकादशी 2021 पारण समय
जो लोग 30 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत रहेंगे, वे अगले दिन 31 दिसंबर दिन शुक्रवार को सुबह में पारण करेंगे. पारण करने का समय सुबह 07 बजकर 14 मिनट से सुबह 09 बजकर 18 मिनट तक है.
सफला एकादशी व्रत का महत्व
सफला एकादशी का व्रत करने से सभी कार्य में सफलता प्राप्त होती है. भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मुत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.
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Kajal Dubey
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