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धर्म-अध्यात्म
बुधवार के दिन करें ये असरदार उपाय, जीवन में होगा मंगल ही मंगल
Rani Sahu
29 March 2023 11:42 AM GMT
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हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित किया गया है। वही बुधवार का दिन गौरी पुत्र गणेश की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है।
मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था ऐसे में बुधवार के दिन गणपति की आराधना श्रेष्ठ फल प्रदान करती है।
भक्त इस दिन भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास भी रखते है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा अगर श्री गणेश स्तोत्र का विधिवत पाठ किया जाए तो भगवान शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते है और भक्तों के सभी कष्टों का निवारण कर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए है भगवान गणेश का प्रिय स्तोत्र। तो आइए जानते है।
श्री गणेश स्तोत्र-
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥3॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥8॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
संतान गणपति स्तोत्र
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गोप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मने।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिने।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थम विरता: स्यु:रवरो मत:।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
Rani Sahu
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