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ज्येष्ठ मास में करें ये आसान काम, होगा अपार-दौलत की प्राप्ति
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, तीसरा माह ज्येष्ठ मास होता है जो प्रतिपदा के साथ शुरू हो गया है। 17 मई से शुरू होने वाला ज्येष्ठ मास 15 जून को समाप्त होगा। इस माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में सूर्य देव और भगवान वरुण की पूजा करना फलदायी माना जाता है। जानिए ज्येष्ठ मास में कौन से कार्य करना होगा शुभ।
कैसे पड़ा ज्येष्ठ माह नाम?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस माह के स्वामी मंगल है। इस माह के आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि के साथ ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनता है। इसलिए इस महीने को ज्येष्ठ कहा जाता है। प्राचीन काल गणना के अनुसार माना जाता है कि इस महीने में दिन अन्य महीनों की तुलना में बड़े होते हैं। इसी कारण इस माह को ज्येष्ठ यानी बड़ा माह कहा जाता है।
ज्येष्ठ माह में जरूर करें ये काम
ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्।
ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।
महाभारत शास्त्र में दिए इस श्लोक के मुताबिक, ज्येष्ठ माह में एक समय भोजन करता है वह जरूर धनवान बनता है। इसलिए हो सके तो इन दिनों एक समय भोजन करना चाहिए।
शास्त्रों के मुताबिक, इस महीने में दिन में सोने की मनाही है। माना जाता है कि ऐसा करने से शरीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ज्येष्ठ मास में सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। इसके साथ ही पूरे महीने जल दान अवश्य करें। लेकिन जल व्यर्थ करने से बचना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने सेकुंडली में वरुण दोष लगता है।
माना जाता है कि ज्येष्ठ मास में तिल का दानअवश्य करें। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके साथ कई हजार यज्ञों के बराबर फल की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ माह के स्वामी मंगल है। इसलिए मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मसूर की दाल, चने की दाल, गुड़, तांबे का दान देना शुभ माना जाता है।
मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा करें। इससे आपको हर तरह के कष्टों से भी छुटकारा मिलेगा।