धर्म-अध्यात्म

ज्येष्ठ माह में करें ये ये तीन काम, दूर होगा ग्रह दोष

Renuka Sahu
20 May 2022 4:36 AM GMT
Do these three things in Jyeshtha month, planetary defects will be removed
x

फाइल फोटो 

17 मई से ज्येष्ठ के महीने की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये साल का तीसरा महीना माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 17 मई से ज्येष्ठ के महीने की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये साल का तीसरा महीना माना जाता है. इस माह का भी धार्मिक महत्व काफी है. ये महीना मुख्य रूप से सूर्य देव और हनुमान जी की आराधना के लिए खास माना जाता है. इसी महीने में बड़े मंगल पड़ते हैं. ये भी मान्यता है कि ज्येष्ठ के महीने में ही पवनपुत्र हनुमान अपने आराध्य प्रभु श्रीराम से मिले थे. इस महीने में सूरज की गर्मी भी अपने चरम पर होती है. सूर्य की ज्येष्ठता को देखते हुए ही इसे ज्येष्ठ का महीना (Jyeshtha Month) कहा जाता है. सूरज की तेज तपिश के कारण इस महीने में पानी की महत्ता काफी बढ़ जाती है.

माना जाता है कि इस माह में दान पुण्य करने से श्रीहरि और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. ग्रह दोष समाप्त करने के लिए भी ये महीना उत्तम माना गया है. अगर आपके जीवन में भी ग्रहदोष के कारण किसी तरह की समस्या है तो इस महीने में तीन काम जरूर करें.
ज्येष्ठ के महीने में करें ये तीन काम
1. पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें
ज्येष्ठ के महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है, ऐसे में पानी के संरक्षण और दान का महत्व काफी बढ़ जाता है. पशु पक्षी प्यास से व्याकुल होते हैं, लेकिन अपनी व्यथा कह नहीं पाते. ऐसे में अगर आप इनके लिए पानी की व्यवस्था करते हैं, तो इसे बेहद पुण्यदायी काम माना जाता है. आप अपने घर के बाहर या छत पर इनके लिए पानी पीने का इंतजाम कर सकते हैं. इससे ग्रहदोष दूर होता है, साथ ही आपके जीवन की तमाम परेशानियों का अंत होता है.
2. सूर्य को जल दें
शास्त्रों में सूर्य का चढ़ना हमेशा शुभ ही माना गया है, इस कारण ज्येष्ठ का महीना सूर्य उपासना के लिए बेहद खास माना जाता है. आप इस माह में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नारायण और माता लक्ष्मी का ध्यान करें और स्नान आदि के बाद सूर्य को जल दें. सूर्य को अर्घ्य तांबे के कलश में जल डालकर, उसमें रोली, लाल पुष्प और अक्षत डालकर दें. इससे व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है, बेहतर नौकरी की प्राप्ति होती है, जीवन की तमाम समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है.
3. तिल का दान
ज्येष्ठ के महीने में तिल के दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु टलती है. इसके अलावा खाने पीने के भी नियमों की बात कही गई है. इस माह में एक समय के भोजन करने की बात शास्त्रों में कही गई है. साथ ही बेल के सेवन को बेहतर माना गया है. लेकिन बैंगन का सेवन करने से मना किया गया है. वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो खाने के ये सारे नियम गर्मी के मौसम को देखकर बनाए गए हैं. गर्मियों में पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं, ऐसे में बेल काफी लाभकारी माना जाता है. तमाम लोग इसके शरबत को पीते हैं. इससे पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं. वहीं एक समय भोजन करने की सलाह भी मौसम के ​हिसाब से ही दी गई है.
Next Story