धर्म-अध्यात्म

आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये अचूक उपाय, प्रगति में आ रही सभी बाधाएं दूर होंगी

Bhumika Sahu
24 Jun 2022 4:04 PM GMT
आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये अचूक उपाय, प्रगति में आ रही सभी बाधाएं दूर होंगी
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आषाढ़ अमावस्या

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है वही हर माह आने वाली अमावस्या विशेष होती है हर माह में कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या तिथि होती है इस दिन पितृदोष से मुक्ति के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं आषाढ़ माह में पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ी अमावस्या या फिर हलहारिणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है इस बार ये अमावस्या 29 जून दिन बुधवार को पड़ रही है

अमावस्या तिथि का आरंभ 28 जून को सुबह 5 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 29 जून प्रात: 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार 29 जून को ही अमावस्या मनाई जाती है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व बताया जाता है इस दिन पितृदोष से मुक्ति के लिए भी कई उपाय किए जाते हैं तो आज हम आपको इस दिन किए जाने वाले उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आषाढ़ अमावस्या पर करें ये अचूक उपाय—
आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान आदि के बाद पितरों को जल का तर्पण किया जाता है ऐसा करने से पितरों की आत्माओं को संतुष्टी मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है तर्पण करने के लिए इस दिन जल में अक्षत और काले तिल लेकर अर्पित किया जाता है इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध का भी महतव है अमावस्या के दिन श्राद्ध करने से पितरों के कारण मिलने वाले दुखों से मुक्ति मिलती है पितृदोष दूर करने के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों के पिंडदान आदि करें ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं इससे पितर शांत होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती जाती है
अमावस्या के दिन घर में गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है। इसके साथ ही आषाढ़ अमावस्या पर पितरों को शांत करने के लिए बनाए गए भोजन में से कुछ अंश कौआ, कुत्ता, गाय जैसे पशुओं के लिए निकाल दें। इनके भोजन ग्रहण करने से पितरों को भोजन मिल जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार​ पितरों को तृप्त करने के लिए अमावस्या के दिन जल अर्पित करें हुए प्रणाम करें इसके साथ ही कहें कि आप सभी पितर मेरी वाणी से तृप्त हो और परिवार को सुख और शांति का आशीर्वाद प्रदान करें।


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