धर्म-अध्यात्म

मंगलवार के दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए करें ये विशेष उपाय

Kajal Dubey
22 Feb 2022 4:10 AM GMT
मंगलवार के दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए करें ये विशेष उपाय
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मंगलवार को मंगल ग्रह के निमित्त के लिए विशेष पूजन भी किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना गया है। इन्हें कई और नामों से जाना जाता है। जैसे कि रामभक्त हनुमान, बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनी पुत्र। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इन नामों को सच्चे मन से लेने से आपकी हर मुराद पूरी हो जाती है। मंगलवार को मंगल ग्रह के निमित्त के लिए विशेष पूजन भी किया जाता है। माना जाता है कि इस पूजा से जमीन संबंधी कार्यों में विशेष लाभ मिल सकता है और आप पर हनुमान जा की विशेष कृपा बनी रहती है। इस दिन जिस भी काम को शुरू किया जाता है तो वो शुभ माना जाता है, क्योंकि सनातन धर्म में मंगल को 'पवित्र और शुभ' माना जाता है।

ज्योतिष मंगल को ऊर्जा का कारक मानते है। माना जाता है कि संकट के समय आपकी ऊर्जा की हानि होती है। अगर आप संकट के समय में मंगलवार के दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करें तो कुछ ही समय में आपकी किस्मत बदल सकती है और आपके कष्ट का निवारण हो सकता है। इस दिन इन उपायों को अपनाकर आप हर इच्छा पूरी कर सकते हैं तो चलिए जानते इनके बारे में-
ऐसे करें प्रसन्न-
हनुमान जी को चोला बहुत अधिक पसंद है। इसीलिए मंगलवार के दिन हनुमानजी को चोला चढाएं। इसके लिए विधि-विधान के साथ पूजा करें।
धन लाभ-
बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ पानी से धोकर इसे कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और फिर इसमें केसर से श्रीराम लिखें। इसके बाद इस पत्तें को अपनी पर्स में रख लें।
वास्तु दोष-
तंत्र शास्त्र के अनुसार पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। साथ ही वास्तु दोष से निजात मिल जाता है।
सुख-समृद्धि के लिए-
श्रीराम और हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।
परेशानी से बचने के लिए-
पारद की हनुमान मूर्ति के सामने विधि-विधान से इस मंत्र का लाल हकीक माला से जाप करें।
''ऊं नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा"


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