धर्म-अध्यात्म

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये उपाय, बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा

Subhi
14 Jun 2022 4:56 AM GMT
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये उपाय, बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
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प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा का का विशेष महत्व है।

प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा का का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस बार की ज्येष्ठ पूर्णिमा काफी खास है क्योंकि इस साल का आखिरी ज्येष्ठ मंगलवार यानी बुढ़वा मंगल भी पड़ रहा है। ऐसे में जानिए ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 जून, सोमवार को रात 09 बजकर 02 मिनट से शुरू

पूर्णिमा तिथि समापन: 14 जून, मंगलवार को शाम 05 बजकर 21 मिनट तक

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर करें ये उपाय

करें मां लक्ष्मी की पूजा

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। इसके साथ ही मां लक्ष्मी के समक्ष एक लाल रंग के कपड़े में 11 कौड़ियां चढ़ाएं और हल्दी का तिलक लगा दें। दूसरे दिन मां का आशीर्वाद लेते हुए इन कौड़ियों को लेकर तिजोरी या फिर जहां पर भी धन रखते हैं उस जगह पर रख दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनी रहेगी।

करें ये पाठ

इस दिन धन-धान्य की बढ़ोत्तरी के लिए लक्ष्मी स्तोत्र और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना बेहद कल्याणकारी माना गया है।

मां लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही पांच कुंवारी कन्याओं का भोजन कराएं और दक्षिणा दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा आपके ऊपर बना रहेगा।

कर्ज से मुक्ति के लिए

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करने के बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को सुगंधित धूप, गुलाब के फूल, खीर आदि अर्पित करें। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।

पीपल के पेड़ की पूजा

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि पीपल में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें। इसके साथ ही शाम के समय दीपक जलाएं।


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