- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- अक्षय तृतीया के दिन...
धर्म-अध्यात्म
अक्षय तृतीया के दिन जरूर करें ये आसान उपाय...आपके घर बरसेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा
Subhi
8 May 2021 5:12 AM GMT
x
अक्षय तृतीया का दिन धर्म कर्म के लिहाज से बहुत उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का कभी क्षय नहीं होता.
अक्षय तृतीया का दिन धर्म कर्म के लिहाज से बहुत उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का कभी क्षय नहीं होता. हर साल अक्षय तृतीया वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को होती है. इस बार तृतीया तिथि 14 मई को पड़ रही है. दान-पुण्य के अलावा इस दिन लोग मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं, सोने-चांदी की खरीददारी वगैरह करते हैं.
अक्षय तृतीया को लेकर मान्यता है कि इसी दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ हुआ था. वहीं द्वापरयुग का समापन भी इसी दिन हुआ था. इस तरह धार्मिक लिहाज से ये दिन बेहद पावन और पुण्यदायी माना गया है. अगर आप भी अपने घर पर बरकत लाना चाहते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा बनाए रखना चाहते हैं तो इस अक्षय तृतीया के दिन कुछ काम जरूर करें. जानें उन कामों के बारे में.
मां लक्ष्मी का नारायण के साथ करें पूजन
अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान आप माता की तस्वीर नारायण के साथ वाली रखें. नारायण के साथ मां लक्ष्मी का पूजन करने पर वे अत्यंत प्रसन्न होती हैं और उस घर पर अपनी कृपा बरसाती हैं. ऐसे घर में धन धान्य की कमी नहीं होती और सुख समृद्धि आदि बनी रहती है.
पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करें
ये दिन पितरों को प्रसन्न करने का दिन है. आप अक्षय तृतीया के दिन पितरों के नाम का पिंडदान करें. इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार के कष्ट दूर होते हैं. यदि आपके घर में पितृदोष है तो पिंडदान के अलावा पितरों की मुक्ति के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें और प्रभु नारायण से पितरों को मुक्ति देने की प्रार्थना करें.
दान पुण्य करें
धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कर्मों का क्षय नहीं होता, बल्कि ये कई गुणा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको इस दिन जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य जरूर करना चाहिए. आप इस दिन जल से भरा हुआ घड़ा, चीनी, गुड़, वस्त्र, शरबत, चावल, सोना-चांदी आदि दान कर सकते हैं.
शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया : दिन शुक्रवार 14 मई
पूजा का मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा
तृतीया तिथि समाप्त : 15 मई 2021 की सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर
Next Story