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फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम 'आमलकी' है,जो इस बार 20 मार्च, बुधवार को है। मान्यता है कि इसका पवित्र व्रत विष्णुलोक की प्राप्ति कराने वाला है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा का भी विधान है। इस दिन जगत के पालनहार श्री विष्णुजी की पूजा उनके परशुराम जी के स्वरूप में की जाती है। पद्म पुराण के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु के मुख से चन्द्रमा के सामान कांतिमान एक बिंदु पृथ्वी पर गिरा ,उसी से आमलकी (आंवला) का महान दिव्य वृक्ष उत्पन्न हुआ। इसके मूल में विष्णु,उसके ऊपर ब्रह्मा, तने में रूद्र,शाखाओं में मुनिगण, टहनियों में देवता,पत्तों में वसु,फूलों में मरुदगण एवं फलों में समस्त प्रजापति वास करते हैं। इसलिए आंवला भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इस दिन आंवले से जुड़े कुछ उपाय करने से भगवान विष्णु को शीघ्र प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है।
आमलकी एकादशी में आंवले के वृक्ष के पास जाकर वहां रात्रि में दीप शृंखला प्रज्वलित करके रात्रि जागरण करते हुए हरि कीर्तन करना चाहिए। इससे मनुष्य सब पापों से छूट जाता है और सहस्त्र गोदानों और यज्ञों का फल प्राप्त कर लेता है। इस दिन आंवले के वृक्ष का स्पर्श कर प्रदिक्षणा करें और हो सके उसी के नीचे ब्राह्मण भोजन कराएं। ऐसा करने से संपूर्ण तीर्थों के सेवन से जो पुण्य प्राप्त होता है तथा सब प्रकार के दान देने से जो फल मिलता है उससे भी अधिक फल मिलता है।
वैवाहिक जीवन में सुख के लिए
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए पति और पत्नी को साथ में आमलकी एकादशी का व्रत रखना चाहिए।आंवले की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाकर रोली ,अक्षत, पुष्प, गंध आदि से पवित्र वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें ।इसके बाद आंवला के पेड़ पर मौली बांधकर भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए तत्पश्चात आंवले के वृक्ष की सात परिक्रमा करने के बाद दीप प्रज्वलित करें एवं अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। आपके जीवन में खुशहाली आएगी।
बीमारियों को दूर करने के लिए
इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं अर्थात इनका कभी क्षय नहीं होता हैं। भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु,माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर खाना खाया जाता है। ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर होती हैं। इस दिन किया गया तप, जप , दान इत्यादि व्यक्ति को सभी पापों से मुक्त करता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ती करने वाला होता है।
करियर में तरक्की के लिए
आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करके आंवले का भोग लगाएं। उसके बाद आसन पर बैठकर ओम दामोदराय नमः, ॐ पद्मनाभाय नमः, या ॐ वैकुण्ठाय नमः इनमें से किसी एक मंत्र की कम से कम एक माला का जप करें। आमलकी एकादशी के दिन शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाने के साथ ही आंवले की पत्तियां चढ़ाने से भी आपको लाभ मिल सकता है,करियर में तरक्की के नए-नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
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Tara Tandi
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