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हर माह में एक बार पूर्णिमा और अमावस्या होती है जिनका विशेष महत्व होता है लेकिन इन सभी अमावस्या तिथियों में सोमवार और शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या बेहद ही खास मानी जाती है शनिवार के दिन जो अमावस्या पड़ती है उसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है इस बार शनिश्चरी अमावस्या 14 अक्टूबर दिन शनिवार को पड़ रही है इस दिन स्नान दान व पूजा पाठ का विधान होता है।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी करते हैं इस माह की अमावस्या पितृपक्ष का आखिरी दिन है ऐसे में पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना जाता है इसके अलावा कालसर्प दोष से भी मुक्ति के लिए यह तिथि उपयुक्त मानी जाती है लेकिन इसी के साथ ही अगर कुछ खास उपायों को शनिश्चरी अमावस्या पर किया जाए तो जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है और शनि देव व पितरों के आशीर्वाद से भाग्योदय होता है तो आज हम आपको शनिश्चरी अमावस्या पर किए जाने वाले उपाय बता रहे हैं।
शनि अमावस्या के आसान उपाय—
अगर आप शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से जूझ रहे हैं और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो ऐसे में शनिश्चरी अमावस्या पर शनि मंदिर जाए इसके बाद शनि देव को काले तिल और सरसों तेल अर्पित करें। इसके साथ ही 108 बार ऊँ शं शनैश्चराय नमः इस मंत्र का जाप करें।
ऐसा करने से शनि प्रकोप से मुक्ति मिलती है और सुख शांति आती है शनि अमावस्या पर पितरों का ध्यान कर पीपल के पेड़ की पूजा कर घी का दीपक जलाएं। फिर लोटे में चावल, चीनी, काले तिल और पुष्प डालकर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें। ऐसा करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है।
Tara Tandi
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