- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- रथ सप्तमी के दिन करें...
धर्म-अध्यात्म
रथ सप्तमी के दिन करें ये उपायों, भगवान सूर्य होंगे प्रसन्न
Triveni
17 Feb 2021 3:22 AM GMT
x
माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का सूर्यदेव से खास संबंध होता है। इस दिन सूर्यदेव ने अपने प्रकाश से पूरे जगत को प्रकाशित किया था,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का सूर्यदेव से खास संबंध होता है। इस दिन सूर्यदेव ने अपने प्रकाश से पूरे जगत को प्रकाशित किया था, इसी दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार रथ सप्तमी 19 फरवरी को पड़ रही है।
हेमाद्रि व्रत खण्ड और भविष्यपुराण के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को उपवास करना चाहिए, साथ ही कनेर के पुष्पों और लाल चन्दन से सूर्य भगवान की पूजा करनी चाहिए । वैसे तो शास्त्रों में पूरे साल को चार-चार महीनों के तीन भागों में बांटकर, हर भाग में विभिन्न नैवेद्य, पुष्प और धूप से भगवान की पूजा करनी चाहिए और अंत में एक रथ के दान की बात भी कही गयी है, जबकि कृत्यरत्नाकर के पृष्ठ- 509, वर्षक्रियाकौमुदी के पृष्ठ- 499 से 502, कृत्यतत्व के पृष्ठ- 459 आदि के अनुसार इस सप्तमी पर सूर्योदय के समय किसी नदी या बहते हुए जल में अपने सर पर आक या मदार के पौधे की सात पत्तियां रखकर स्नान करना चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इस दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ।
अगर आप एक स्वस्थ, सेहतमंद शरीर की इच्छा रखते हैं, तो आज आपको बिना नमक का भोजन करना चाहिए। अगर संभव हो तो आपको सूर्यदेव के निमित्त उपवास करके एक समय ही बिना नमक वाला भोजन करना चाहिए ।
अगर आप किसी प्रशासनिक सेवा से जुड़े हैं या आप एक राजनेता हैं और आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है, तो आज आपको सूर्य के प्रभाव वाला 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
अगर आप अपने जीवन में हमेशा एक गति बनाये रखना चाहते हैं, तो आज आपको सात घोड़ों पर बैठे भगवान सूर्यदेव की कनेर के पुष्पों से पूजा करनी चाहिए और अपने जीवन में गति बनाये रखने के लिये भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।
मनुष्य को अंदर से खोखला कर देती हैं ये 3 चीजें, वक्त रहते ही हो जाएं सतर्क
अगर आप अपने वैवाहिक जीवन में मधुरता को बरकरार रखना चाहते हैं, तो आज आपको 'ॐ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ' इस प्रकार गायत्री मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को मीठा जल अर्पित करना चाहिए और जल अर्पित करने के बाद उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।
अगर आप अपने करियर को ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं, तो आज आपको अपने गुरु को अचला गिफ्ट करना चाहिए। अचला, यानी गले में डालने वाला कपड़ा। साथ ही अपने गुरु का आशीर्वाद लेना चाहिए।
Next Story