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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है. इस दिन व्रत करने से कुंडली में शनि प्रदोष का प्रभाव कम होता है. इस बार प्रदोष व्रत 07 जून को सोमवार तिथि को पड़ रही है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष कहते हैं. प्रदोष व्रत के दिन पूजा पाठ करने से धन की समस्या दूर हो जाती है. आइए जानते हैं इस दिन किन उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
सोम प्रदोष व्रत के दिन पूजा- पाठ करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन दूध में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का जल अभिषेक करना चाहिए. इससे घर में धन वृद्धि के संयोग बनते हैं.
सोम प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इस दिन विधि विधान से व्रत करने से अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है. अगर कोई व्यक्ति मूंगा धारण करने की सोच रहा है तो सबसे उत्तम दिन है.
अगर आप किसी तरह की बीमारी से पीड़ित है तो महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें. इन मंत्रों का जाप करने से सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी. ऐसा करने से आप स्वस्थ रहेंगे.
सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव पर कच्चे दूध का अभिषेक करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन शिव महिम्नस्तोत्र का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा का बुरा प्रभाव हो उन्हें निष्ठा और नियम पूर्वक व्रत रखना चाहिए. इसके अलावा ये व्रत संतान प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
शुभ मुहर्त
सोम प्रदोष व्रक का प्रारंभ – 07 जून सुबह 08 बजकर 47 मिनट से
सोम प्रदोष व्रत समापन – 08 जून रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा
पूजा का शुभ मुहूर्त – 07 जून को शाम 07 बजकर 17 मिनट से 09 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
Tara Tandi
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