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पंच दिवसीय पर्व दीपावली अगले माह होगा, जिसको उल्लास के साथ मनाने के लिए लोगों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस पर्व का प्रारंभ धन त्रयोदशी यानी धनतेरस से होता है, जो इस बार 23 अक्टूबर 2022 के दिन रविवार को होगा. इस पर्व के कई महत्व हैं, किंतु अधिकांश इसे लोग खरीददारी का पर्व ही मानते हैं. इस दिन वाहन खरीदें या फिर बर्तन और आभूषण, इस विधि से पर्व को मनाएंगे तो आपके घर में भी सुख-समृद्धि और लक्ष्मी आएगी.
भगवान धनवंतरी का पूजन
धनतेरस के दिन आयुर्वेद के ज्ञाता भगवान धन्वंतरि जी का प्रादुर्भाव हुआ था, उनके हाथ में अमृत कलश था, जो कि संजीवनी है. धनवंतरी जी श्री हरि विष्णु जी का ही स्वरूप हैं. इस दिन भगवान धनवंतरी के पूजन का विधान है. इस दिन गृहस्थ लोग 'ओम नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' मंत्र का जाप करें तो परिवार में रोगों का नाश होता है और आरोग्यता प्राप्त होने के साथ ही व्यक्ति दीर्घायु होता है.
चौमुखी दीपक
आज से पांच दिन तक यम को प्रसन्न करने के लिए दीप जलाया जाता है. यम अर्थात मृत्यु के देवता, यम को प्रसन्न करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिल जाती है. धनतेरस की रात को आप सभी लोग आटे का दीपक बना लें, आटे का दीपक नहीं बना सकते हैं तो मिट्टी का दीपक ले लें और उसमें तेल भर दीजिए, रुई की बाती चौमुखी कर के रख दीजिए और चारों सिरों को जला लीजिए. यह चारों सिरे धर्म, अर्थ, काम मोक्ष के प्रतीक हैं. दीपक शाम को घर के दरवाजे या फ्लैट के दरवाजे पर रख दें. विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य ही करना चाहिए.
खरीददारी का अबूझ मुहूर्त
धनतेरस का दिन खरीददारी करने के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है और हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार के खरीद करता है. इस दिन लंबे समय तक चलने वाली वस्तुएं जैसे वाहन, आभूषण, बर्तन, वस्त्र खरीदे जाते हैं. इस दिन चांदी के बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है. इस दिन घर में खीर बनाएं और खरीदे हुए बर्तनों में परोसकर श्री नारायण का भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में खंडित या चिटके हुए बर्तन न रखे जाएं, उन्हें हटा दीजिए.
वाहन की जरूर करें पूजा
धनतेरस के दिन वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है, वाहन लेना है तो धनतेरस की तिथि लगने के बाद ही डिलीवरी लें, शुभ मुहूर्त में जो भी वस्तु खरीदी जाती है वह स्वतः ही शुभ हो जाती है. नए वाहन घर में लाने के बाद विधि-विधान से पूजन अवश्य करें, तभी उसका उपयोग करें, साथ ही पुराने वाहन का भी पूजन करना चाहिए.