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सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर माह में पड़ती हैं इस दिन पूजा पाठ और स्नान दान करना उत्तम माना जाता हैं लेकिन इन सभी में दर्श अमावस्या बेहद खास मानी जाती हैं दर्श अमावस्या पर चंद्र देव की आराधना उत्तम फल प्रदान करती हैं माना जाता हैं कि दर्श अमावस्या पर अगर उगते हुए चंद्र को जल अर्पित किया जाए और गंगा स्नान किया जाए तो पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं।
यह भी माना जाता है कि दर्श अमावस्या पर हमारे पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आते हैं ऐसे में इस दिन अगर श्राद्ध तर्पण और पिंडदान किया जाए तो वे प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद हमको प्रदान करते हैं जिससे जीवन में सुख समृद्धि आती हैं। लेकिन अगर किसी जातक की कुंडली में पितृदोष व्याप्त है और आप इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में आप दर्श अमावस्या के दिन कुछ उपायों को कर सकते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा उन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
दर्श अमावस्या के उपाय—
पितृ देव को प्रसन्न करने व पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए आप दर्श अमावस्या पर सुबह उठकर स्नान आदि करें और पितरों का तर्पण करें ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं जिससे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती हैं।
इसके अलावा अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है और अशुभ फल प्रदान कर रहा हैं तो ऐसे में आप दर्श अमावस्या के दिन व्रत रखते हुए चंद्रदेव की पूजा करें ऐसा करने से भाग्योदय होता हैं। दर्श अमावस्या के दिन गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान करना भी श्रेष्ठ माना जाता हैं मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज और देवता सभी प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि व तरक्की का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
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Apurva Srivastav
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