धर्म-अध्यात्म

आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये उपाय, जीवन में सुख-समृद्धि का होगा वास

Subhi
27 Jun 2022 4:22 AM GMT
आषाढ़ अमावस्या के दिन करें ये उपाय, जीवन में सुख-समृद्धि का होगा वास
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इस समय असाढ़ माह चल रहा है और इस माह की अमावस्या तिथि 28 जून 2022 को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की अमावस्या को अषाढ़ी अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है

इस समय असाढ़ माह चल रहा है और इस माह की अमावस्या तिथि 28 जून 2022 को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की अमावस्या को अषाढ़ी अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है। चंद्र मास के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा माह होता है। इसके बाद श्रावण यानी सावन माह की शुरुआत हो जाती है। धर्म शास्त्रों में आषाढ़ मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है। इसके अलावा अमावस्या तिथि पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए काफी शुभ मानी जाती है। ऐसे में कहा जाता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन कुछ उपायों को अमल में लाया जाए तो जीवन से कई सारी परेशानियां दूर हो सकती हैं और व्यक्ति का जीवन खुशहाल बन सकता है। तो चलिए जानते हैं जीवन में खुशहाली के लिए आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए...

ज्योतिष के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या पर सुबह स्नान करने के बाद पितरों को पानी में अक्षत् और काला तिल मिलाकर तर्पण दें। साथ ही इस दिन ब्राह्मणों को भोजन, दान और दक्षिणा दें। इसके अलावा कौआ, गाय, कुत्ता को भी भोजन का कुछ अंश दें। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।

मान्यता के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या को कृषि उपकरणों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से फल का उत्पादन अच्छा होता है, जिससे घर के धन धान्य में वृद्धि होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में एक दीपक जलाएं। उसमें गाय के घी, केसर और लाल धागे वाली बत्ती का उपयोग करें। इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा और धन-धान्य में वद्धि होगी।

कहा जाता जाता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु सहित कई देव निवास करते हैं। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। पूजा में उनको फूल, फल, जनेऊ, धूप, दीप एवं जल आदि अर्पित करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के अवसर पर दीप दान का विशेष महत्व है। ऐसे में इस दिन आप दीप और फूल एक पत्ते के कटोरे में रखकर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और सुख एवं समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।


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