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धर्म-अध्यात्म
शनिवार के दिन ये करें उपाय, शारीरिक और मानसिक कष्टों से मिलेगी मुक्ति
Tara Tandi
2 July 2021 5:37 AM GMT
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शनि को ज्योतिष में क्रूर ग्रह माना गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शनि को ज्योतिष में क्रूर ग्रह माना गया है, इसलिए लोग इनका नाम सुनकर ही डर जाते हैं. लेकिन शनि को कर्मफलदाता भी कहा जाता है. कहा जाता है कि वे व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से उसे फल देते हैं. अगर कुंडली में शनि शुभ स्थिति में बैठे हैं तो ये व्यक्ति को रंक से राजा बना सकते हैं. लेकिन शनि की अशुभ स्थिति राजा को भी भिखारी बना सकती है. हालांकि ज्योतिष विशेषज्ञों का इस मामले में मानना है कि अगर शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो शनि के अशुभ प्रभावों को भी शुभ प्रभावों में बदला जा सकता है. अगर आप भी शनि के अशुभ प्रभावों को झेल रहे हैं, तो इन उपायों को कीजिए.
1. यदि शनि कुंडली के प्रथम भाव में बैठकर अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो व्यक्ति को शनिवार के दिन दूध में थोड़ी चीनी मिलाकर बरगद या पीपल के पेड़ में चढ़ाना चाहिए और नीचे से गीली मिट्टी लेकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए.
2. यदि शनि दूसरे घर में अशुभ फल दे रहा हो तो शनिवार के दिन आपको अपने माथे पर दूध या दही का तिलक लगाना चाहिए. साथ ही सांप को दूध पिलाना चाहिए.
3. तीसरे भाव में बैठे शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए शनिवार के दिन काले तिल, केले और नींबू का दान करें. कुत्तों की सेवा करें और मांस मदिरा से परहेज करें.
4. चौथे घर में विराजमान शनि के अशुभ फल से बचने के लिए शनिवार के दिन भैंस और कौए को भोजन दें. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें. उन्हें अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दें. बहते पानी में शराब को प्रवाहित करें.
5. पांचवे भाव में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए लोहे का छल्ला हाथ में पहनें और साबुत मूंग की दाल को किसी जरूरतमंद को शनिवार के दिन दान करें.
6. छठे भाव से शनि अशुभ फल दे रहा हो तो चमड़े एवं लोहे की वस्तुएं खरीदें. शनिवार के दिन जल में काले तिल डालकर शिव जी का अभिषेक करें.
7. कुंडली के सप्तम भाव में बैठे शनि के अशुभ फल से बचाव के लिए शनिवार के दिन शहद से भरा बर्तन या बांसुरी में चीनी भरकर किसी सुनसान जगह पर दबा आएं.
8. आठवें घर में शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमेशा अपने पास चांदी की कोई चीज रखें. सांपों को दूध पिलाना चाहिए.
9. यदि कुंडली के नौवें घर से शनि का अशुभ प्रभाव हो तो घर की छत को अच्छे से साफ रखना चाहिए और छत पर कबाड़, लकड़ी आदि ऐसी कोई चीज नहीं रखनी चाहिए जो बरसात में भीगकर खराब हो जाती हो. इसके अलावा चांदी के चौकोर टुकड़े पर हल्दी लगाकर अपने पास रखना चाहिए. रोजाना पीपल के पेड़ को जल देना चाहिए.
10. यदि दसवें भाव में शनि हो तो मंदिर मे केले और चने की दाल चढ़ाएं. शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं. गुरुवार का व्रत रखें और मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.
11. कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि अशुभ फल से बचने के लिए चांदी की एक ईंट बनवाकर अपने घर में रखें. शनिवार के दिन शनिमंत्र का 108 बार जाप करें और पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर रखें.
12. बारहवें भाव में बैठे शनि के दुष्प्रभाव रोकने के लिए शनिवार के दिन काली दाल, काले तिल, काला वस्त्र आदि सामर्थ्य के हिसाब से किसी जरूरतमंद को दें. मांस मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें.
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