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हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद ही खास माना जाता हैं जिसका आरंभ 4 जुलाई से हो चुका हैं और समापन 31 अगस्त को हो जाएगा। सावन की शुरुआत से पर्व त्योहारों का भी आरंभ हो जाता हैं इस पवित्र माह में कई सारे पर्व त्योहार पड़ते हैं जिसमें से एक नाग पंचमी का भी पर्व हैं। पंचांग के अनुसार हर साल श्रावण मास के दोनों पक्षों की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता हैं।
इस बार की नाग पंचमी 21 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान होता हैं। नाग पंचमी के शुभ दिन पर लोग उपवास आदि रखते हुए भगवान नाग देव की विधि विधान से पूजा करते हैं माना जाता हैं कि ऐसा करने से नाग देवता की कृपा बनी रहती हैं और शिव भी प्रसन्न हो जाते हैं इसी के साथ ही नाग पंचमी का त्योहार कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास दिन माना जाता हैं इस दिन कई ऐसे उपायों को किया जा सकता हैं जिससे कालसर्प दोष दूर होता हैं। तो आज हम आपको कालसर्प दोष निवारण हेतु उपाय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कालसर्प दोष निवारण हेतु उपाय—
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष विद्यमान हैं तो ऐसे में आप नाग पंचमी के दिन घर के प्रवेश द्वार पर गोबर, गेरु या फिर मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत पूजा करें माना जाता है कि ऐसा करने से कालसर्प दोष के कारण आने वाली समस्याएं दूर रहती हैं। वही इसके अलावा कालसर्प दोष और पितृदोष को दूर करने के लिए नाग पंचमी के दिन श्रीसर्प सूक्त का पाठ जरूर करें इसका पाठ बेहद फलदायी माना जाता हैं।
नाग पंचमी के दिन नाग गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें ऐसा करने से नाग का भय कम हो जाता है और कालसर्प दोष में भी कमी आती हैं। कालसर्प दोष से पीड़ित लोग नाग पंचमी के दिन शिव के साथ नाग देवता की पूजा करें पूजा में जल और दूध मिलाकर नाग देव को चढ़ाएं। इससे कालसर्प दोष का निवारण होता हैं और व्यक्ति की मनोकामना भी पूरी हो जाती हैं।
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