धर्म-अध्यात्म

मासिक शिवरात्रि पर करें ये उपाय वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल

Tara Tandi
6 May 2024 8:28 AM GMT
मासिक शिवरात्रि पर करें ये उपाय वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल
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ज्योतिष न्यूज़ : आज यानी 6 मई दिन सोमवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत पूजन किया जा रहा है जो कि भोलेनाथ की आराधना आराधना को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर का उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु का आशीष साधकों को प्राप्त होता है। मासिक शिवरात्रि हर माह में मनाई जाती है
पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि आज यानी 6 मई को मनाई जा रही है इस दिन सोमवार और मासिक शिवरात्रि का विशेष योग भी बना हुआ है जिसमें शिव साधना भक्तों को दोगुना फल प्रदान करेगी। ऐसे में आज शिव मंदिर जाकर भगवान की विधिवत पूजा करें साथ ही शिव के शक्तिशाली रुद्राष्टक स्तोत्र का पाठ भी करें और अंत में प्रभु से अपनी प्रार्थना कहें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से शीघ्र लाभ मिलता है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
।। रुद्राष्टक स्तोत्र।।
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं । विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥1॥
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं । गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं । गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ॥2॥
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं । मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ॥
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा । लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ॥3॥
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं । प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ॥
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं । प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ॥4॥
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं । अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ॥
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं । भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥5॥
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी । सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ॥
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी । प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥6॥
न यावद् उमानाथपादारविन्दं । भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं । प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥7॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां । नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ॥
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं । प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥8॥
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ॥।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥9॥
Masik shivratri 2024 do these remedies on masik shivratri
।।शिव आरती।।
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
ॐ जय शिव ओंकारा
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा।
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