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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत हो गई है. हिंदू धर्म के नौवें महीने को मार्गशीर्ष मास माना जाता है. मार्गशीर्ष को अग्रहायण नाम भी दिया गया है. जिसे अगहन का महीना भीकहा जाता है. अग्रहायण शब्द 'आग्रहायणी' नक्षत्र से संबंधित है जो मृगशीर्ष या मृगशिरा का ही दूसरा नाम है. अग्रहायण का तद्भव रूप 'अगहन' है.
इस मास का महत्व बताते हुए भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि मार्गशीर्ष माह उनका ही स्वरूप है. मान्यता है कि इस महीने में पवित्र नदियों में स्न्नान और श्रीकृष्ण जी या उनके किसी भी अवतार की पूजा-सेवा करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट होकर सुख-सौभाग्य मिलता है. अगहन मास में जप, तप, ध्यान एवं दान करना शीघ्र फलदाई माना गया है. भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करना इस माह में बहुत पुण्यदायी है.
मार्गशीर्ष मास 9 नवंबर 2022 से 8 दिसंबर 2022 तक चलेगा, जिसके बाद पौष माह की शुरुआत होगी. इस महीने में काल भैरव जयंती, उत्तान एकादशी समेत कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे. मान्यता है कि इस माह में यदि श्रीकृष्ण की पूरी श्रद्धा के साथ भक्ति की जाए तो भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं उनके दुःख दूर होते हैं.
मार्गशीर्ष मास में करें ये उपाय
- श्रीकृष्ण और श्रीराम की भक्ति के लिए यह महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसी महीने मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता का विवाह हुआ था.
- मार्गशीर्ष में शंख की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस महीने में शंख की पूजा करने से देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और साधक पर धन की वर्षा होती है.
- इस महीने में कान्हा को तुलसी, मोर पंख आदि चढ़ाने से दोषों का नाश होता है.
- मार्गशीर्ष मास में गंगा में स्नान करने से रोग, दुख और दरिद्रता का नाश होता है.
न्यूज़ क्रेडिट: zee-hindustan
Tara Tandi
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