धर्म-अध्यात्म

रुठे बृहस्पति को मनाने के लिए करें ये महाउपाय

Bhumika Sahu
22 July 2021 5:09 AM GMT
रुठे बृहस्पति को मनाने के लिए करें ये महाउपाय
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ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना गया है. जिस प्रकार सूर्य आत्मा और चंद्रमा मन क कारक हैं, उसी प्रकार देवगुरु बृहस्पति ज्ञान, यश, सम्मान, विद्या तथा धर्म के कारक हैं। कुंडली में बृहस्पति को बली बनाने का उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख —

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सौरमंडल में बृहस्पति का विशेष स्थान है. इन्हें देवताओं का गुरु माना गया है. जिस प्रकार सूर्य आत्मा का और चंद्रमा मन का कारक है, उसी प्रकार देवगुरु बृहस्पति को शारीरिक पुष्टता एवं ज्ञान का कारक माना गया है. बृहस्पति को लंबे शरीर वाला, सुंदर वाणी बोलने वाला, उदार, चतुर, पीली आंखों वाला और उच्च बुद्धि वाला माना गया है.

कुंडली में बृहस्पति के शुभ फल
किसी भी जातक की कुंडली में शुभता प्रदान करने वाले बृहस्पति बली होने पर उसे चतुर, विज्ञान का विशेषज्ञ, न्याय, धर्म एवं नीति का जानकार, सात्विक प्रवृत्ति वाला बनाता है. ऐसा जातक अक्सर ज्ञान, यश, सम्मान, विद्या तथा धर्म संबंधी कार्यों में बढ़–चढ़कर हिस्सा लेता है, वहीं कुंडली में जब बृहस्पति के कमजोर होने पर इन सभी चीजों से उलट चीजें जातक के साथ घटती हैं.
कुंडली में बृहस्पति के अशुभ फल
गुरु के अशुभ होने पर जातक को अपने घर, कार्यक्षेत्र आदि में सम्मान नहीं मिलता है. वह अपने पिता, गुरुजनों आदि से ईष्र्या करने लगता है. उसे या तो पुत्र की प्राप्ति नहीं होती है, यदि होते भी हैं तो उसे उनकी चिंता सताती रहती है. पुत्र नहीं होने पर यदि वह दत्तक पुत्र भी स्वीकार करे तो उसका भी सुख नहीं मिलता है. ऐसा जातक को पैतृक संपत्ति को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. आइए देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए जानते हैं कुछ सरल उपाय , जिन्हें करने पर चमत्कारिक लाभ मिलता है.
बृहस्पति को बली बनाने का उपाय
बृहस्पति के कारण उत्पन्न दोषों को शमन करने के लिए आप भगवान शिव की उपासना करके भी लाभ पा सकते हैं. इसके लिए आप रुद्राष्टध्यायी एवं शिव सहस्त्रनाम का पाठ या फिर रुद्राभिषेक करें.
देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए वैदिक या तांत्रिक गुरु मंत्र का जप करें. बृहस्पति की कृपा पाने के लिए आप भगवान दत्तात्रेय के तांत्रिक मंत्र का जप भी कर सकते हैं.
गुरु ग्रह की शुभता को पाने के लिए प्रत्येक पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें और संभव हो तो प्रत्येक गुरुवार और एकादशी का व्रत रखें.
बृहस्पति की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन चांदी की कटोरी में केसर डालकर उसका अपने माथे पर तिलक करें. इसे अपने नाभि में भी लगाएं.
गुरुवार के दिन पीले वस्त्रों का प्रयोग करें और किसी सौभाग्यवती स्त्री को पीले रंग के वस्त्र का दान करें.
किसी लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति पर पीले रंग के फूल और फल चढ़ाएं और उनके चरणों में दाल एवं गुड़ कुछ दक्षिणा के साथ अर्पित करें. इस उपाय से न सिर्फ आपको भगवान विष्णु की बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी मिलेगी.
फलदार वृक्ष लगाने एवं पीले फलों का दान करने पर भी देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं.


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