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- शनि देव की दृष्टि से...
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के दृष्टि को बहुत महत्व दिया गया है। ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक ग्रह जिस घर में बैठा होता है, वह वहां से अपने से सातवें घर में मौजूद ग्रह पर पूर्ण दृष्टि या प्रभाव दिखाता है। परंतु मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह की तीन दृष्टियां होती हैं। इसमें शनि की तीन दृष्टियों 3,7,10 में तीसरी दृष्टि को बहुत ही शक्तिशाली और कष्टकारी माना जाता है। जिस भी व्यक्ति पर शनि के तीसरी दृष्टि का असर होता है, उसकी जिंदगी नर्क जैसी हो जाती है। शनि देव के सबसे खतरनाक तीसरी दृष्टि से बचने के उपाय क्या हैं? आज हम इसका विस्तार पूर्वक वर्णन करेंगे।
शनि देव के तीसरी दृष्टि से बचने के उपाय
1. जातक को नियमित रूप से गरीबों की सेवा, भीखारियों की सेवा, रोगियों की सेवा करने से शनि की तीसरी दृष्टि से बहुत हद तक राहत मिलती है।
2. भगवान हनुमान ने शनि देव की जान बचाई थी, इसलिए शनिवार के दिन लाल आसन पर लाल धोती पहनकर हनुमानजी की मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाने और हनुमान चालीसा के 21 बार पाठ करने से शनि की तीसरी दृष्टि से राहत मिलती है।
3. शनि देव की तीसरी दृष्टि से बचने के लिए जातक अपने घर पर आने वाले अतिथियों का भूल से भी अपमान या तिरस्कार ना करें। अपने सामर्थ्य के अनुसार, आप जो कर सकते हैं, अवश्य करें।
4. शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाने से और सरसों के तेल का दान करने से हम शनि के तीसरी दृष्टि के प्रकोप से बच सकते हैं।
5. शनि देव को काली चीजें पसंद हैं, इसलिए शनिवार के दिन काले घोड़े को सवा किलो चना खिलाने से शनि की तीसरी दृष्टि से राहत मिलती है।
शनि की तीसरी दृष्टि जीवन को बहुत संघर्षपूर्ण बनाती है, लेकिन उपर्युक्त उपायों से शनि की तीसरी दृष्टि से बचने तथा राहत पाने में आसानी होगी।