धर्म-अध्यात्म

शीघ्र विवाह हेतु शुक्रवार के दिन जरूर करें ये आसान उपाय

Subhi
11 Feb 2022 2:16 AM GMT
शीघ्र विवाह हेतु शुक्रवार के दिन जरूर करें ये आसान उपाय
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सनातन धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। ग्रहों की स्थिति अनुरूप जातक की शादी होती है। ज्योतिषों की मानें तो ग्रहों को शुभ और अशुभ दो वर्गों में बांटा गया है।

सनातन धर्म में विवाह को पवित्र कर्म कांड माना गया है। ग्रहों की स्थिति अनुरूप जातक की शादी होती है। ज्योतिषों की मानें तो ग्रहों को शुभ और अशुभ दो वर्गों में बांटा गया है। शुभ ग्रहों की उपस्थिति में जातक की शादी शीघ्र हो जाती है। अशुभ ग्रह के चलते शादी में देर होती है। गुरु के मजबूत रहने से लड़कियों की शादी जल्द हो जाती है। वहीं, शुक्र के मजबूत रहने से लड़कों की शादी जल्द हो जाती है। साथ ही कुंडली में अन्य भावों और ग्रहों को भी देखा जाता है। ज्योतिष हमेशा लड़कों को शुक्र और लड़कियों को गुरु मजबूत करने की सलाह देते हैं। जातक शिवजी की पूजा कर शुक्र ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो शीघ्र विवाह हेतु शुक्रवार के दिन ये आसान उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-

शुक्र मजबूत करने के लिए प्रतिदिन शिवजी की पूजा करें। साथ ही सोमवार और शुक्रवार के दिन विशेष पूजा अर्चना करें।

ज्योतिषों की मानें तो शुक्रवार के दिन संयुक्त रूप से शिवजी और माता पार्वती की पूजा करने से जातक की शीघ्र शादी हो जाती है।

शुक्र मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगा जल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। इसके बाद आमचन कर स्वंय को पवित्र करें। तत्पश्चात, श्वेत वस्त्र धारण कर शिव जी और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-उपासना करें। शिव जी जल में इत्र और सुगंधित सफ़ेद फूल डालकर अर्घ्य दें। इससे शिव जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके बाद दूध से अभिषेक करें।

शुक्रवार के दिन गुप्त दान करने से भी शादी के योग बनने लगते हैं। अत: आसपास की शादी में कन्या पक्ष को गुप्त दान अवश्य करें।

वहीं, पांच लाल फूल लेकर मां का ध्यान कर शीघ्र विवाह की कामना करें। तत्पश्चात, फूलों को मां के चरणों में अर्पित कर दें।

1.

"ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा"

2.

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।

तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।

3.

"क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा"


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