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आमलकी एकादशी 14 मार्च दिन सोमवार को मनाई जाएगी. फाल्गुन मास (Phalgun Mas) के शुक्ल पक्ष में आने वाली ये एकादशी (Ekadashi 2022) बेहद महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध है. इस एकादशी को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) भी कहते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आमलकी एकादशी 14 मार्च दिन सोमवार को मनाई जाएगी. फाल्गुन मास (Phalgun Mas) के शुक्ल पक्ष में आने वाली ये एकादशी (Ekadashi 2022) बेहद महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध है. इस एकादशी को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) भी कहते हैं. साथ ही इसे कुछ लोग आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) के नाम से भी जानते हैं. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है. यदि लोग आमलकी एकादशी व्रत रखते हैं तो उन्हें कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. आज का हमारा लेख उन्हीं नियमों पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आमलकी एकादशी पर किन बातों का ध्यान रखें. पढ़ते हैं
आमलकी एकादशी पर ध्यान रखने योग्य बातें
आमलकी एकादशी के दिन व्यक्ति को श्रीहरि को आंवले का भोग लगाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि आंवले का पेड़ और आंवला दोनों ही श्रीहरि को बेहद प्रिय हैं.
आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नानादि करके सूर्य भगवान को लाल चंदन और चावल डालकर जल अर्पण करें.
उसके बाद एकादशी व्रत का संकल्प करके आमलकी एकादशी व्रत कथा को जरूर पढ़ें. साथ ही कथा पढ़ते वक्त अपने हाथ में कुछ फूल और चावल जरूर रखें.
एकादशी वाले दिन व्यक्ति को पीले कपड़ों का चयन करना चाहिए अगर आप चाहे तो हरे कपड़े पहन कर भी पूजा कर सकते हैं. हालांकि पीला रंग शुभ होता है.
आमलकी एकादशी के दिन व्यक्ति को आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा अर्चना करनी चाहिए. साथ ही आमलकी एकादशी के दिन परशुराम जी जो कि विष्णु भगवान के अवतार हैं उनकी पूजा भी जरूर करें.
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.
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