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गरुड़ पुराण में जीवन को बेहतर करने के लिए नीति, नियम, सदाचार, तप, वैराग्य, दान आदि तमाम बातों का जिक्र किया गया है. इस पुराण में 5 ऐसे कामों का जिक्र है जिन्हें करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शास्त्रों में इंसान के जीवन के कल्याण के लिए बहुत सारी बातें और नियम बताए गए हैं. अगर व्यक्ति उन नियमों का पालन करे तो जीवन की तमाम मुश्किलों से बच सकता है और कठिन समय को भी आसानी से पार कर सकता है. गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में महापुराण माना जाता है. इस महापुराण में जीवन को बेहतर करने के लिए नीति, नियम, सदाचार, तप, वैराग्य, दान आदि तमाम बातों का जिक्र किया गया है. वहीं कर्मों के आधार पर मृत्यु के पश्चात मिलने वाले स्वर्ग, नर्क और पितृलोक का भी बखान किया गया है.
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और गरुड़ की वार्तालाप के जरिए लोगों को जीवन के कल्याण और मृत्यु के बाद की स्थितियों का जिक्र किया गया है. ये पुराण लोगों को भगवान विष्णु की भक्ति की राह दिखाता है. इन सभी बातों का उद्देश्य व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चलाना है. यहां जानिए ऐसे 5 कामों के बारे में जिन्हें गरुड़ पुराण में बहुत पुण्यदायी माना गया है. मान्यता है कि जिस घर में भी ये 5 काम किए जाते हैं, वहां कोई संकट टिक नहीं पाता और कामयाबी झक मारकर पीछे आती है.
कुलदेवता का पूजन और श्राद्ध
हिंदू धर्म में हर परिवार का कोई न कोई कुलदेवता या कुलदेवी जरूर होते हैं, जिन्हें परिवार का आराध्य माना जाता है. विशेष तिथि पर उनका पूजन करना बहुत जरूरी है. मान्यता है कि ऐसा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और पूरा परिवार फलता-फूलता है. इसके अलावा पितरों को तृप्त रखना भी बहुत जरूरी होता है. पितृ पक्ष में अपने पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए. इससे उन्हें संतुष्टि मिलती है और वे अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं और परिवार खूब तरक्की करता है. जिस घर में ये दो काम नहीं होते, वहां आए दिन कोई न कोई संकट आता है और जीवन कष्टदायी हो जाता है.
भगवान को भोग
जब भी भोजन बनाएं, उसको बिना चखे पहले भगवान को अर्पित करें. ऐसे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. भगवान को भोग लगाने के बाद पूरा भोजन प्रसाद बन जाता है और प्रसाद को आदर के भाव से ग्रहण करना चाहिए. जिस घर में अन्न का सम्मान किया जाता है, उस घर में माता अन्नपूर्णा वास करती हैं. ऐसे परिवार में लोगों की सेहत बेहतर रहती है और खुशहाली बनी रहती है.
अन्नदान
अन्नदान को महादान माना गया है. यदि आप सक्षम हैं जो जरूरतमंद को अन्नदान जरूर करना चाहिए. इसे बहुत पुण्यदायी माना गया है. ऐसा करने से जाने-अनजाने किए गए तमाम पाप कटते हैं. परिवार की पीढ़ियां खूब तरक्की करती हैं.
धर्म ग्रंथों का अध्ययन
धर्म ग्रंथों को शास्त्रों में पूज्यनीय माना गया है क्योंकि ये व्यक्ति को कल्याणकारी मार्ग की ओर अग्रसर करते हैं. इसलिए व्यक्ति को समय-समय पर इन्हें पढ़ते रहना चाहिए और ज्ञान अर्जित करना चाहिए.
साधना
शास्त्रों में तप साधना का भी विशेष महत्व बताया गया है. साधना के जरिए भी व्यक्ति अपने मन और अंतरआत्मा तक पहुंच सकता है. साधना करने वाला व्यक्ति कभी सही मार्ग से भ्रमित नहीं होता और जीवन में सुख शांति प्राप्त करता है.
Shiddhant Shriwas
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