- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Govardhan Puja पर कर...
धर्म-अध्यात्म
Govardhan Puja पर कर लें ये 4 उपाय, जीवन में आएगी खुशहाली
Tara Tandi
2 Nov 2024 11:51 AM
x
Govardhan Puja राजस्थान न्यूज: पांच दिवसीय दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है। हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है लेकिन इस बार इस त्योहार की तिथि को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है। आइए आपको बताते हैं इस साल गोवर्धन पूजा की सही तारीख, इसका महत्व और पूजा विधि।
दिवाली त्योहार के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इसे "अन्नकूट" के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन विशेष रूप से अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। यह त्यौहार प्रकृति और मानव के अंतर्संबंध को भी दर्शाता है।
इस दिन विशेष रूप से अन्नकूट बनाया जाता है, जो कई सब्जियों का मिश्रण होता है। इसके साथ ही भगवान कृष्ण को 56 भोग भी लगाया जाता है, जो इस पूजा का मुख्य आकर्षण है।
ऐसा माना जाता है कि पहले ब्रजवासी देवराज इंद्र की पूजा करते थे, लेकिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा का सुझाव दिया। इस पर इंद्र क्रोधित हो गए और भारी वर्षा की, तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की।
इंद्र के कारण आए तूफान और बारिश के कारण घरों में सब्जियां एकत्रित कर अन्नकूट बनाया गया। तभी से हर वर्ष इस अवसर पर गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी। प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे शुरू होगी और 2 नवंबर को रात 8:21 बजे समाप्त होगी, इसलिए उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन महाराज की पूजा 2 नवंबर को होगी।
गोवर्धन पूजन का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को शाम 6:30 बजे से रात 8:45 बजे तक रहेगा. इस दौरान 2 घंटे 45 मिनट पूजा के लिए शुभ रहेंगे, जब भगवान की पूजा की जा सकेगी।
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके भगवान कृष्ण और गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है। आंगन में गोबर से गोवर्धन, गाय-बछड़े और ब्रजवासियों की मूर्तियां बनाई जाती हैं और उन्हें फूलों और खील से सजाया जाता है।
पूजा के बाद गोवर्धन महाराज की सात बार परिक्रमा की जाती है, जिसमें दूध मिश्रित जल का प्रयोग किया जाता है. इसके बाद घी का दीपक जलाकर गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाकर आरती की जाती है।
पूजा और परिक्रमा के बाद परिवार के सभी सदस्य घर के बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं। यह त्यौहार परिवार को एक साथ लाता है और समाज में प्रकृति के महत्व को समझने का संदेश देता है।
TagsGovardhan Puja 4 उपायजीवन आएगी खुशहालीGovardhan Puja 4 remedieshappiness will come in lifeजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story