धर्म-अध्यात्म

सुबह विष्णु जी के साथ करें महालक्ष्मी का अभिषेक, शाम को तुलसी के पास जलाएं दीपक

Kavita Yadav
5 April 2024 5:30 AM GMT
सुबह विष्णु जी के साथ करें महालक्ष्मी का अभिषेक, शाम को तुलसी के पास जलाएं दीपक
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नई दिल्ली: आज शुक्रवार और एकादशी का योग है। अभी चैत्र मास चल रहा है और इस महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी व्रत से जाने-अनजाने में गए पाप कर्मों से मुक्ति मिल सकती है। इस तिथि पर भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है। मज़बूरी के ज्योतिष पंचाचार्य. मनीष शर्मा के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर विष्णु जी के साथ ही देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और अटकलों में सफलता मिल सकती है। जानिए इस व्रत-पर्व पर कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं... विष्णु एवं महालक्ष्मी का भगवान अभिषेक दक्षिणाविद्या शंख से करना चाहिए। दूध में केसर और शंख में ये दूध मठ अभिषेक करें। दीपक जलाएँ। पूजा में विष्णु जी का मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय एवं लक्ष्मी मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: का जप अवश्य करें।
घी का दीपक और धूप जलाएँ। गुलाब के लाल फूल चढ़े। तुलसी के नुस्खे के साथ दूध से बनी मिठाइयों का भोग। देवी लक्ष्मी को कमल के फूल चढ़ाएं। विकल्प चुनें। देवी लक्ष्मी के चरण में श्रीयंत्र यंत्र की पूजा करें। पूजा के बाद श्रीयंत्र में स्थान। शुक्रवार और एकादशी के योग में शुक्र ग्रह की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। शुक्रवार का कारक ग्रह शुक्र है। इस ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह से संबंधित दोष होते हैं, उन्हें शुक्रवार को जल-दूध चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाएं। बिल्व पत्र से खरीदें। चंदन का लेप करें।
घर के आंगन में सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं। शाम को पीपल के पांच पंचमुखी दीपक जलते हैं। उत्तर-पूर्व दिशा में गाय के शुद्ध घी में केसर स्टूडियो घर दीपक जलाते हैं। लक्ष्मी जी की पूजा करते समय चांदी के सिक्के भी पूजा की थाली में रखें। शुक्रवार की शाम को भी करें देवी लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा। पुराने ज़माने के लोगों को भोजन की तलाश में। किसी भी मंदिर में पूजा-अर्चना न करें। ऑफिस में बिजनेस केयर के लिए धन का दान करें। गाय को हरी घास खिलाएं।
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