धर्म-अध्यात्म

शनि प्रदोष व्रत पर ऐसे करें शिव-पार्वती पूजा

Shiddhant Shriwas
4 Sep 2021 2:09 AM GMT
शनि प्रदोष व्रत पर ऐसे करें शिव-पार्वती पूजा
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भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने में 2 बार किया जाता है. प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म-ज्‍योतिष में बहुत अहम माना गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने में 2 बार किया जाता है. प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) को हिंदू धर्म-ज्‍योतिष में बहुत अहम माना गया है, उस पर भी यह किसी खास दिन पड़े तो इसका महत्‍व और बढ़ जाता है. भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत आज (शनिवार, 4 सितंबर) को पड़ रहा है. इस शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) के दिन भगवान शिव की पूजा करने से शिव जी तो प्रसन्‍न होते ही हैं, साथ ही शनि दोष (Shani Dosh) का असर भी समाप्त होता है. लिहाजा कुंभ, मकर, धनु, मिथुन और तुला राशि के जातकों को आज शनि दोष से बचने के लिए शिव जी की पूजा करनी चाहिए क्‍योंकि इन राशियों पर शनि की साढ़े साती (Shani ki Sade Sati) या ढैय्या (Shani Ki Dhaiya) चल रही है.

प्रदोष काल में करें पूजा

शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ शनि देव की भी पूजा करें. यह पूजा प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में करें. प्रदोष काल हमेशा सूर्यास्त होने से 45 मिनट पहले से शुरू होता है. आज शाम को 2 घंटा 11 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.

शनि प्रदोष पर ऐसे करें व्रत-पूजा

प्रदोष व्रत रखने वाले लोग प्रदोष काल के पहले ही पूजा की तैयारी कर लें. पूजा के लिए सबसे पहले चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करके दीपक जलाएं. भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें फूल, अक्षत, धतूरा आदि अर्पित करें. वहीं माता पार्वती को 16 श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. इसके बाद भगवान को भोग लगाएं, धूप-दीप जलाकर आरती करें. आखिर में व्रत-पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगकर भगवान को प्रणाम करें. वहीं मंदिर जाकर शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाकर उनसे कृपा करने की प्रार्थना करें.

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