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ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि महत्वपूर्ण बताई गई है जो हर माह एक बार आती है। पंचांग के अनुसार अभी मार्गशीर्ष मास चल रहा है और इस माह के अंतिम दिन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है जिस मार्गशीर्ष के अनुसार पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन स्नान, दान व पूजा पाठ का विशेष विधान होता है। इसी के साथ मार्गदर्शक पूर्णिमा तिथि भी मनाई जाती है जो इस बार 26 दिसंबर को पड़ रही है।
इसी दिन भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और शिव के अंश सात्तदेय की जयंती भी मनाई जाती है, इसके अलावा मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती का भी त्योहार मनाया जाता है, जो मां अन्नपूर्णा की पूजा के लिए खास होता है। धार्मिक मत के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर सत्यनारायण पूजा करने से ऐसा करना चाहिए उत्तम फल की प्राप्ति। इसके साथ ही इस दिन लक्ष्मी पूजन का भी विधान है। तो आज हम आपको मंत्रोच्चारण और उपाय बता रहे हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महोत्सव—
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 26 दिसंबर प्रातः 5 बजे 46 मिनट पर हो रहा है और 27 दिसंबर को प्रातः 6 बजे 2 मिनट पर समाप्त हो रही है पूर्णिमा तिथि का व्रत, स्नान, दान आदि 26 दिसंबर को श्रेष्ठ निवास करना है। इस दिन स्नान का उत्सव सुबह 5 बजे 22 मिनट से 6 बजे तक 17 मिनट तक रहेगा। वह लक्ष्मी पूजनीय का उत्सव देर रात 11 बजे 54 मिनट से 12 बजे 49 मिनट तक रहेगा।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के उपाय—
ज्योतिष मार्गशीर्ष पूर्णिमा के शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और देवी को प्रसाद का भोग लगाएं, ऐसा करने से होता है आर्थिक समस्याओं का निदान इसके अलावा इस दिन गरीबों और शुभचिंतकों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से जीवन में सुख समृद्धि और शांति आती है।