धर्म-अध्यात्म

सरस्वती पूजा पर जरूर पढ़े वंदना...आप से माँ होगी प्रसन

Subhi
16 Feb 2021 2:09 AM GMT
सरस्वती पूजा पर जरूर पढ़े वंदना...आप से माँ होगी प्रसन
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आज का दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है। मां सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं। यह दिन विद्यार्थियों के लिए बेहद अहम होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज का दिन मां सरस्वती को समर्पित होता है। मां सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं। यह दिन विद्यार्थियों के लिए बेहद अहम होता है। आज के दिन देशभर के सरस्वती मां के मंदिरों में उनकी विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन ही सरस्वती मां का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। कहा जाता है कि अगर इस दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा की जाए तो वो अपने भक्तों को बुद्धि और विद्या का वरदान देती हैं। साथ ही अपने भक्तों पर सदा कृपा बनाए रखती हैं। मां सरस्वती रचनात्मक ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।

प्रत्येक साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा के दौरान उनके श्लोकों का जाप किया जाता है। साथ ही उनकी वंदना और गीत भी गाए जाते हैं। अगर आप आज के दिन मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं और आपको उनकी वंदना या गीत नहीं आता है तो जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको उनकी लोकप्रिय वंदना और गीत की जानकारी दे रहे हैं। इन्हें आप पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं। तो आइए पढ़ते हैं सरस्वती वंदना और सरस्वती वंदना गीत।


सरस्वती वंदना:

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला

या शुभ्रवस्त्रावृता

या वीणावरदण्डमण्डितकरा

या श्वेतपद्मासना।

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता

सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥

सरस्वती वंदना गीत:

वर दे, वीणावादिनि वर दे !

प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव

भारत में भर दे !

काट अंध-उर के बंधन-स्तर

बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;

कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर

जगमग जग कर दे !

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव

नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे !

वर दे, वीणावादिनि वर दे।


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