धर्म-अध्यात्म

शनिवार को जरूर करे शनि देव के 108 नाम का उच्चारण

Apurva Srivastav
23 Sep 2023 3:13 PM GMT
शनिवार को जरूर करे शनि देव के 108 नाम का उच्चारण
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शनिवार; आज शनिवार का दिन है जो कि कर्मों के दाता भगवान श्री शनि महाराज की पूजा अर्चना को समर्पित होता है इस दिन भक्त शनिदेव की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि शनि कृपा से जीवन में खुशहाली आती है लेकिन अगर शनि क्रोधित हो जाए तो कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में अगर आप भी नौकरी, व्यापार, धन, वैवाहिक जीवन या फिर मानसिक तनाव जैसी परेशानियों से घिरे हुए है तो सप्ताह में शनिवार के दिन शाम के वक्त शनि मंदिर जाए और भगवान को सरसों तेल अर्पित करते हुए उनके 108 नामों का उच्चारण करें। ऐसा करने से सभी दुख परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
शनिदेव के 108 नाम—
शनैश्चर : धीरे-धीरे चलने वाले
शांत : शांत रहने वाले
सर्वाभीष्टप्रदायिन् : सभी इच्छाओं को पूरा करने वाले
शरण्य : रक्षा करने वाले
वरेण्य : सबसे उत्कृष्ट
सर्वेश : सारे जगत के देवता
सौम्य : नरम स्वभाव वाले
सुरवन्द्य : सबसे पूजनीय
सुरलोकविहारिण् : सुरह्स की दुनिया में भटकने वाले
सुखासनोपविष्ट : घात लगा के बैठने वाले
सुन्दर : बहुत ही सुंदर
घन : बहुत मजबूत
घनरूप : कठोर रूप वाले
घनाभरणधारिण् : लोहे के आभूषण पहनने वाले
घनसारविलेप : कपूर के साथ अभिषेक करने वाले
खद्योत : आकाश की रोशनी
मंद : धीमी गति वाले
मंदचेष्ट : धीरे से घूमने वाले
महनीयगुणात्मन् : शानदार गुणों वाले
मर्त्यपावनपद : जिनके चरण पूजनीय हो
महेश : देवो के देव
छायापुत्र : छाया का बेटा
शर्व : पीड़ा देना वाले
शततूणीरधारिण् : सौ तीरों को धारण करने वाले
चरस्थिरस्वभाव : बराबर या व्यवस्थित रूप से चलने वाले
अचञ्चल : कभी ना हिलने वाले
नीलवर्ण : नीले रंग वाले
नित्य : अनंत एक काल तक रहने वाले
नीलाञ्जननिभ : नीला रोगन में दिखने वाले
नीलाम्बरविभूषण : नीले परिधान में सजने वाले
निश्चल : अटल रहने वाले
वैद्य : सब कुछ जानने वाले
विधिरूप : पवित्र उपदेश देने वाले
विरोधाधारभूमि : जमीन की बाधाओं का समर्थन करने वाले
भेदास्पद स्वभाव : प्रकृति का पृथक्करण करने वाले
वज्रदेह : वज्र के शरीर वाले
वैराग्यद : वैराग्य के दाता
वीर : अधिक शक्तिशाली
वीतरोगभय : डर और रोगों से मुक्त रहने वाले
विपत्परम्परेश : दुर्भाग्य के देवता
विश्ववंद्य : सबके द्वारा पूजे जाने वाले
गृध्नवाह : गिद्ध की सवारी करने वाले
गूढ़ : छुपा हुआ
कूर्मांग : कछुए जैसे शरीर वाले
कुरूपिण् : असाधारण रूप वाले
कुत्सित : तुच्छ रूप वाले
गुणाढ्य : भरपूर गुणों वाले
गोचर : हर क्षेत्र पर नजर रखने वाले
अविद्यामूलनाश : अनदेखा करने वालों का नाश करने वाले
विद्याविद्यास्वरूपिण् : ज्ञान करने वाले और अनदेखा करने वाले
आयुष्यकारण : लंबा जीवन देने वाले
आपदुद्धर्त्र : दुर्भाग्य को दूर करने वाले
विष्णुभक्त : विष्णु के भक्त
वशिन् : स्वनियंत्रित करने वाले
विविधागमवेदिन् : कई शास्त्रों का ज्ञान रखने वाले
विधिस्तुत्य : पवित्र मन से पूजे जाने वाले
वंद्य : पूजनीय
विरुपाक्ष : कई नेत्रों वाले
वरिष्ठ : उत्कृष्ट
गरिष्ठ : आदरणीय देव
वज्रांगकुशधर : वज्र अंकुश रखने वाले
वरदाभयहस्त : भय को दूर भगाने वाले
वामन : (बौना) छोटे कद वाले
ज्येष्ठापत्नीसमेत : जिसकी पत्नी ज्येष्ठ हो
श्रेष्ठ : सबसे उच्च
मितभाषिण् : कम बोलने वाले
कष्टौघनाशकर्त्र : कष्टों को दूर करने वाले
पुष्टिद : सौभाग्य के दाता
स्तुत्य : स्तुति करने योग्य
स्तोत्रगम्य : स्तुति के भजन के माध्यम से लाभ देने वाले
भक्तिवश्य : भक्ति द्वारा वश में आने वाले
भानु : तेजस्वी
भानुपुत्र : भानु के पुत्र
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