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आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी के नाम से जानते है। इसे आषाढ़ी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी को पाप हरने वाली एकादशी के नाम से भी जानते हैं। क्योंकि माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से साथ भगवान विष्णु की विधिवत तरीके से व्रत रखने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती हैं। इसके साथ ही कई हजार ब्राह्मणों को खाना खिलाने के बराबर फल मिलता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, योगिनी एकादशी के दिन शुभ मुहूर्त में विधिवत तरीके से पूजा करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन पूजा करते समय मुहूर्त का जरूर ध्यान देने की जरूरत है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, योगिनी एकादशी पर राहुकाल के साथ इन अशुभ मुहूर्तों को पूजा करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इन अशुभ मुहूर्तों में पूजा करने से व्यक्ति को पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। जानिए योगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त।
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी तिथि प्रारंभ- 23 जून को रात 9 बजकर 41 मिनट से
योगिनी एकादशी तिथि समाप्त- 24 जून को रात 11 बजकर 12 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - 24 जून सुबह 11 बजकर 33 से 12 बजकर 28 तक।
योगिनी एकादशी पारण का समय- 25 जून सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग - 24 जून को शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक
योगिनी एकादशी की इन मुहूर्तों पर न करें पूजा
राहुकाल- सुबह 10 बजकर 39 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
यमगंड- दोपहर 03 बजकर 53 मिनट से शाम 05 बजकर 38 मिनट तक
गुलिक काल- सुबह 07 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 54 मिनट तक
विडाल योग- सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 08 बजकर 04 मिनट तक
वर्ज्य- शाम 06 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 32 मिनट तक
दुर्मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 12 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक
गण्ड मूल- सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 08 बजकर 04 मिनट तक