धर्म-अध्यात्म

भूलकर भी न पहनें इस तरह का रुद्राक्ष, जानिए शिवजी का प्रतीक रुद्राक्ष धारण करने के नियम

Subhi
28 July 2022 4:01 AM GMT
भूलकर भी न पहनें इस तरह का रुद्राक्ष, जानिए शिवजी का प्रतीक रुद्राक्ष धारण करने के नियम
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भगवान शिव को रुद्राक्ष अति प्रिय है। माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उनके ऊपर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। मन से नकारात्मक विचारों को निकालने के साथ-साथ बुरे समय को खत्म कर देते हैं।

भगवान शिव को रुद्राक्ष अति प्रिय है। माना जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उनके ऊपर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। मन से नकारात्मक विचारों को निकालने के साथ-साथ बुरे समय को खत्म कर देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए इसे पहनना काफी शुभ माना जाता है।

रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर 14 मुखी तक आते हैं। हर एक रुद्राक्ष की अपनी अलग-अलग महिमा है। माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से हर तरह के संकटों से बचाव हो जाता है। इसके साथ ही कुंडली में किसी भी तरह का दोष है तो उससे भी छुटकारा मिल जाता है। अगर आप भी रुद्राक्ष धारण करने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को जरूर ध्यान रखें।

इस तरह के न पहनें रुद्राक्ष

कुछ रुद्राक्ष में कीड़े पड़ जाते हैं जिसके कारण वह खराब हो जाते हैं , तो खरीदने से पहले इस चीज को जरूर देखें।

रुद्राक्ष कभी भी टूटे या फिर खंडित हो तो न पहनें।

कभी-कभी रुद्राक्ष में गलत छेद होते हैं। अगर आप भी ऐसे ही रुद्राक्ष पहने हुए हैं, तो तुरंत उतार दें।

रुद्राक्ष धारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पूरी तरह गोल होना चाहिए, जिसमें दाने उभरे हुए हो। इसके साथ ही इसमें प्राकृतिक रूप से धागा डालने के लिए छेद हो।

रुद्राक्ष को काले धागे में बिल्कुल न पहनें। हमेशा पीले या फिर लाल धागे में पहनना चाहिए।

रुद्राक्ष को हमेशा विषम संख्या में ही पहनना चाहिए। लेकिन कभी भी 27 मनकों से कम नहीं होना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने के बाद इन नियमों का रखें ख्याल

रुद्राक्ष पहनने के बाद पवित्रता का काफी ख्याल रखना पड़ता है। जो लोग रुद्राक्ष पहने हुए है वह लोग मांसाहार से दूरी बना लें।

घर-परिवार में साफ-सफाई रखने के साथ-साथ खुद को भी बिल्कुल स्वच्छ रखें।

रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है। इसलिए अशुभ हाथों से न छुएं। बल्कि स्नान करने के बाद दोबारा धारण कर लें।

रुद्राक्ष स्वयं का पहना हुए किसी दूसरे को धारण करने को नहीं देना चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का मनन करें। इसके साथ ही शिव मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते रहें।


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