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धर्म-अध्यात्म
ये 2 रत्न भूलकर भी न पहनें एक साथ, जीवन पर खतरनाक प्रभाव डालते हैं
Bhumika Sahu
13 Dec 2021 3:20 AM GMT
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इंसान के शरीर में सभी ग्रहों की मौजूदगी होती है. जिसका संबंध नक्षत्रों से है. जब शरीर के ग्रहों का संबंध नक्षत्र के ग्रहों से टूट जाता है तो शरीर और मन पर विपरीत असर पड़ता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष के मुताबिक रत्नों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. सभी नौ ग्रहों के लिए अगल-अलग होते हैं जिसे पहनने से ग्रह-दोष खत्म हो जाता है. इंसान के शरीर में सभी ग्रहों की मौजूदगी होती है. जिसका संबंध नक्षत्रों से होता है. जब शरीर के ग्रहों का संबंध नक्षत्र के ग्रहों से टूट जाता है तो शरीर और मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. शरीर और मन की समस्या को दूर रत्न सहायक होते हैं. ज्योतिष में दो रत्न सबसे अधिक शक्तिशाली और खतरनाक होते हैं. इन रत्नों को एक साथ नहीं पहनना चाहिए.
हीरा (Diamond)
यह सभी रत्नों में सबसे अधिक कठोर और कीमती होता है. आमतौर पर लोग इसे खूबसूरती के लिए पहनते हैं. लेकिन ज्योतिष में इसे शुक्र ग्रह का रत्न माना गया है. इसे पहनने से सुन्दरता, सुख और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है. इसके अलावा इस रत्न का प्रभाव शादीशुदा जिंदगी पर भी होता है. हीरा को बिना ज्योतिषी की सलाह से पहनना नहीं चाहिए. इसे 21-50 साल तक की उम्र में धारण करना अच्छा होता है. इसके अलावा शुक्र ग्रह का लाभ लेने और लाइफ में ग्लैमर बढ़ाने के लिए हीरा बहुत अच्छा रत्न है.
नीलम (sapphire)
नीलम शनि का रत्न है. यह देखने में नीला होता है इसलिए इसका नाम नीलम पड़ा है. शनि के अशुभ प्रभाव को खत्म करने और शनिदेव की कृपा पाने के लिए इस रत्न को पहना जाता है. इसे धारण करने में सावधानी रखनी चाहिए. बिना सलाह के नीलम पहनने से जीवन तबाह हो सकता है. नीलम को चांदी या लोहे की धातु में बनवाकर पहनना चाहिए. इसे सोने में धारण करने से अच्छा प्रभाव नहीं होता. नीलम को शनिवार की मिड नाइट में पहनना ज्यादा अच्छा होता है. इसके अलावा चौकोर नीलम धारण करना शुभ माना गया है. ज्योतिष के मुताबिक हीरा और नीलम को कभी भी एक साथ धारण नहीं करना चाहिए. क्योंकि इन दोनों रत्नों को सबसे ज्यादा शक्तिशाली और खतरनाक माना गया है.
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