धर्म-अध्यात्म

सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों से भूलकर भी न करें छेड़छाड़, झेलना पड़ जाता है खामियाजा

Subhi
5 Nov 2022 2:26 AM GMT
सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों से भूलकर भी न करें छेड़छाड़, झेलना पड़ जाता है खामियाजा
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सनातन धर्म में कई सारी ऐसी परंपराएं हैं, जो सदियां गुजर जाने के बावजूद आज भी बदस्तूर चली आ रही हैं. इन परंपराओं के पीछे अपने धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं, जो इतना लंबा अरसा गुजर जाने के बावजूद आज भी करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन करती हैं. ऐसी ही एक महान परंपरा है रात में पेड़-पौधों पत्ते न तोड़ना और उनके साथ छेड़छाड़ न करना. क्या आप इसकी वजह जानते हैं. अगर नहीं तो कोई बात नहीं. आज हम आपको इसके कारणों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

मनुष्यों की तरह जीवित प्राणी हैं पेड़-पौधे

पुराणों में पेड़-पौधे (Vastu Tips For Plants) को मनुष्यों की तरह जीवित प्राणी माना गया है, जो दिन में जागते हैं और सूर्यास्त के बाद आराम करते हैं. इसलिए रात में उनके विश्राम में खलल डालना और सोते हुए जगाना शास्त्रों के खिलाफ माना गया है. यही वजह है कि सूर्यास्त के बाद परिवार के बड़े-बुजुर्ग पेड़-पौधों को छेड़ने और उनकी पत्तियां तोड़ने से मना करते हैं.

सूर्यास्त के बाद पक्षियों और कीट-पतंगों का बसेरा

वास्तु शास्त्र (Vastu Tips For Plants) के अनुसार, अंधेरा घिरने के बाद पेड़ों को न छेड़ने की एक वजह ये भी है कि पेड़-पौधों पर पक्षियों और छोटे कीट-पतंगों का भी बसेरा होता है. ऐसे में अगर आप रात में पेड़ को हिलाते हैं या उनकी पत्तियों को तोड़ते हैं तो इससे पक्षियों की नींद में रुकावट आती है और वे परेशान हो जाते हैं. जिसका दुष्फल आपको दूसरे रूप में भोगना पड़ता है.

रात में छोड़ते हैं कार्बन डाईआक्साइड गैस

रात होने के बाद पेड़-पौधों (Vastu Tips For Plants) के पत्ते न तोड़ने के पीछे वैज्ञानिक वजहें भी हैं. असल में पेड़-पौधे रात होते ही ऑक्सीजन के बजाय कार्बन डाईआक्साइड छोड़ने लगते हैं. ऐसे में अगर मनुष्य अंधेरे में पेड़-पौधों के नीचे जाते हैं तो उन्हें ऑक्सीजन की कमी की समस्या हो सकती है. यही वजह है कि रात में पेड़ के नीचे सोने और उस पर चढ़ने से मना किया जाता है.

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