धर्म-अध्यात्म

शनिवार के व्रत का उद्यापन करते समय ना करें ये गलतियां

Apurva Srivastav
3 Oct 2023 5:25 PM GMT
शनिवार के व्रत का उद्यापन करते समय ना करें ये गलतियां
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हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। शनिवार व्रत रखने की विधि जितनी जरूरी होती है। उतनी ही जरूरी शनिवार व्रत उद्यापन की विधि होती है। मान्यता के अनुसार, शनिवार का व्रत रखने के बाद कुछ नियमों का पालन अवश्य ही करना चाहिए। तभी व्रत को पूरा माना जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको शनिवार व्रत उद्यापन की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही इस दिन कौन सी चीजों का दान करना चाहिए।
शनिवार व्रत उद्यापन की विधि
बता दें कि सबसे पहले 17, 27, 37, 57 शनिवार व्रत रखने के बाद उद्यापन करना चाहिए।
यदि आपने व्रत का संकल्प कर लिया है तो उतने व्रत रहने के बाद उद्यापन करना चाहिए।
शनिवार के दिन सुबह सूर्योदय से पहले पानी में काले तिल या गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इसके बाद शनिदेव के मंत्र 'ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें।
शनिदवे के निम्मित काले या नीले वस्त्र दान कर शनि चालीसा का पाठ करें।
शनि देव के मंदिर जाकर उन्हें सरसों का तेल चढ़ाएं और गेंदे का पुष्प अर्पित करें।
फिर काली उड़द की दाल से बनी चीजों का भोग अर्पित करें।
अब शनिदेव की आरती कर भोग को प्रसाद के रूप में बांट दें।
बता दें कि शनिवार व्रत के उद्यापन के बाद दान का काफी महत्व बताया गया है।
शनिवार का व्रत बिना दान के कभी भी फल प्राप्त नहीं होता है।
काले वस्त्र और जूते का दान
शनिवार को काले कपड़े और जूतों का दान करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
लोहे की चीज का दान
शनिवार के दिन लोहे से बनी किसी चीज का दान करने से व्यक्ति के ऊपर से राहु का दुष्प्रभाव नष्ट हो जाता है।
छाते का दान
शनिवार के दिन छाता दान करने से जातक को साढ़े साती और ढैय्या में राहत मिलने के साथ दुख दूर होते हैं।
अनाज का दान
शनिवार के दिन अनाज का दान करने से जातक के घर में बरकत होती है और परिवार के सदस्य तरक्की करते हैं।
परिश्रम का दान
शनिवार के दिन किसी शुभ काम में परिश्रम का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सफलता के सारे मार्ग खुल जाते हैं।
Apurva Srivastav

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