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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Gangajal Rakhne ke Niyam: गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस साल गंगा दशहरा 9 जून को पड़ रहा है. इसी दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. पापों का नाश करने वाली गंगा नदी को सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है. व्रत-त्योहार जैसे मौकों पर गंगा नदी में स्नान किया जाता है. हर पूजा-पाठ, शुभ कार्य में गंगाजल का उपयोग किया जाता है. इसलिए हिंदू धर्म के अनुयायियों के अधिकांश घरों में गंगाजल रखा जाता है.
घर में गंगाजल रखते समय न करें ये गलतियां
गंगाजल को घर में रखने के कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए. इस मामले में की गई गलतियां भारी पड़ सकती हैं.
- गंगाजल को कभी भी बिना नहाए न छुएं. ना ही कभी गंदे हाथों से छुएं. गंगाजल बेहद पवित्र होता है, इसे छूने से पहले हमेशा अपनी शुद्धता पर ध्यान दें.
- कभी भी मांस-मदिरा का सेवन करने के बाद गंगाजल न छुएं. ऐसा करने से पाप लगता है.
- गंगाजल को हमेशा पूजा स्थान पर रखें. ध्यान रखें कि इसके आसपास गंदगी न हो.
- गंगाजल को रखने के लिए घर में सबसे सही जगह घर का ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व का कोना है. माना जाता है कि देवताओं का वास होता है.
- गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक की बोतल में न रखें. प्लास्टिक अशुद्ध होता है और लंबे समय तक इसमें चीजें रखने से उनमें जहरीले रसायन आ जाते हैं. बेहतर होगा कि गंगाजल को पीतल, तांबे या चांदी के पात्र में रखें.
- गंगाजल को कभी भी अंधेरे में नहीं रखें. रात के समय भी यहां धीमे प्रकाश की व्यवस्था रखें.
- यदि घर में किसी की मृत्यु हो जाए या बच्चे का जन्म हो तो सूतक काल में गंगाजल न छुएं.
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