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धर्म-अध्यात्म
होलिका दहन के समय भूलकर भी ना जलाएं ये लकड़ियां...माना जाता है बेहद अशुभ
Subhi
24 March 2021 4:59 AM GMT
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29 मार्च 2021 को होली का त्योहार मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले यानी 28 मार्च को होलिका दहन मनाया जाएगा.
29 मार्च 2021 को होली का त्योहार मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले यानी 28 मार्च को होलिका दहन मनाया जाएगा. होलिका दहन में होलिका पूजा की जाती है. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है. होलिका दहन में लकड़ियों को जलाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस दौरान किस तरह की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आप इन लकड़ियों को जलाते हैं तो यह काफी अशुभ माना जाता है.
शास्त्रों के अनुसार राहु-केतु से संबंधित कुछ पेड़ों को बुराई का प्रतीक माना जाता है. इसलिए होलिका दहन में इन पेड़ों की लकड़ियों को जलाना चाहिए.
होलिका दहन के दिन एरंड और गूलर की लकड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही इस दिन गाय के उपले इस्तेमाल किए जाते हैं
इस मौसम में एरंड और गूलर के पत्ते झड़ने लगते हैं ऐसे में अगर इन्हें जलाया ना जाए तो इनमें कीड़ा लगने लगता है.
एरंड और गूलर की लकड़ी का यह खासियत है कि इसे जलाने से हवा शुद्ध होती है और मच्छर, बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. इन दोनों लकड़ियों को गाय के उपले के साथ जलाना चाहिए.
होलिका दहन में आम की लकड़ी को नहीं जलाना चाहिए. ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है.
होलिका दहन में वट की लकड़ी जलाना भी अशुभ माना जाता है. होलिका दहन में इन चारों पेड़ों की लकड़ी जलाने से परहेज करना चाहिए.
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