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नागपंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, माना जाता है अशुभ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 13 अगस्त को यानी आज नागपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. हिन्दू धर्म में पौराणिक काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. नागपंचमी के दिन नाग पूजन का खास महत्व होता है. सांपों को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है. सावन में नागपंचमी के दिन इनकी पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. हालांकि इस दिन कुछ खास कार्य करने की मनाही होती है.
नाग पंचमी के दिन भूमि की खुदाई करना या खेत में हल चलाना बहुत अशुभ माना जाता है. इसलिए ऐसा करने से सख्त परहेज करना चाहिए. नागों को पाताल लोक का स्वामी माना जाता है. माना जाता है कि सांप भूमि में रहते हैं और खेतों की रक्षा करते हैं. इसलिए इस दिन भूमि की खुदाई करने से मना किया जाता है.
नागपंचमी के दिन कभी भी जीवित सांप की पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके बजाए पूरी श्रद्धा से नाग देवता के प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. नागदेव की तस्वीर, मिट्टी या धातु से बनी प्रतिमा की भी पूजा की जा सकती है.
नागपंचमी के दिन आग पर तवा और लोहे की कढ़ाही नहीं चढ़ानी चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से नाग देवता को कष्ट होता है. इसके अलावा इस दिन नुकीली और धारदार वस्तुओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए. मुख्य रूप से सूई-धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
नागपंचमी के दिन मांस और शराब का भी सख्ती से परहेज करना चाहिए. इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से लाभ मिलता है. नागपंचमी के दिन इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग या नाग देव को दूध पीतल के लोटे से चढ़ाएं. जबकि जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें.
जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु भारी हैं, उन्हें नागपंचमी के दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में आ रही दिक्कतें आसानी से दूर हो जाती हैं.
जो जातक कालसर्प दोष से पीड़ित हैं उन्हें नागपंचमी के दिन विशेष लाभ मिलता है. कुंडली में कालसर्प दोष होने से पारिवारिक जीवन से लेकर व्यापार, नौकरी क्षेत्र में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कालसर्प दोष का निवारण के लिए नागपंचमी का दिन सर्वोत्तम माना गया है.
मान्यता है कि नागपंचमी के दिन सर्पों को दूध से स्नान कराने और इनके पूजन से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन सपेरों को विशेष रूप से दान-दक्षिणा देना शुभ माना जाता है. कई घरों में प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है. मान्यता है कि नागदेव की कृपा से वो घर हमेशा सुरक्षित रहता है.