धर्म-अध्यात्म

एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये काम

Tara Tandi
17 Aug 2021 4:29 AM GMT
एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी न करें ये काम
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शास्त्रों में एकादशी व्रत को श्रेष्ठ व्रतों में से एक बताया गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | शास्त्रों में एकादशी व्रत को श्रेष्ठ व्रतों में से एक बताया गया है. ये व्रत लोगों को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है. माना जाता है कि एकादशी व्रत को रखने से चंद्रमा के खराब प्रभावों से बचाव होता है, साथ ही अन्य ग्रहों की स्थिति में भी सुधार होता है. लेकिन इस व्रत को पूरे नियमों के साथ रखना चाहिए.

18 अगस्त को श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है. जिन लोगों को संतान की चाह है उनके लिए इस एकादशी का व्रत बहुत फलदायी है. यहां जानिए एकादशी व्रत रखने के फायदे, व्रत के नियम और पुत्रदा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त और अन्य जानकारी.

एकादशी व्रत रखने से होते ये लाभ

शास्त्रों में एकादशी व्रत को मनोकामना पूरी करने वाला व्रत बताया गया है. हर माह में दो एकादशी होती हैं. इस तरह साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. हर एकादशी का व्रत एक विशेष मनोकामना की पूर्ति करने वाला है. शास्त्रों में सभी एकाद​शी व्रत के लिए कहा गया है कि एकादशी व्रत का प्रभाव मन और शरीर दोनों पर पड़ता है. इसे रखने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. मनोरोग दूर होते हैं, हार्मोनल समस्याएं ठीक हो जाती हैं और व्यक्ति के अनेकों पाप कटते हैं और वो मुक्ति के मार्ग की ओर अग्रसर हो जाता है. पुत्रदा एकादशी व्रत को संतान सुख की कामना पूरी करने वाला व्रत माना जाता है. साथ ही ये व्रत व्यक्ति के जाने अंजाने किए गए पापों को समाप्त करने वाला है. इसीलिए इस एकादशी को पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है.

हर एकादशी पर इन नियमों का पालन जरूरी

1. एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि की शाम से द्वादशी तिथि तक चलते हैं. दशमी तिथि की शाम को सूर्यास्त से पूर्व भोजन कर लें. इसके बाद रात में भगवान का मनन करें और जमीन पर सोएं.

2. दशमी तथा एकादशी तिथि के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. दशमी तिथि की रात्रि में शहद, शाक, चना, मसूर की दाल, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

3. व्रत की अवधि व्यक्ति को किसी की बुराई या चुगली नहीं करनी चाहिए. सिर्फ भगवान का मनन करना चाहिए.

4. दशमी और एकादशी तिथि को पान नहीं खाना चाहिए. व्रत के दिन दातुन नहीं करनी चाहिए और न ही किसी से झूठ बोलना चाहिए.

5. एकादशी की रात में जागरण करना चाहिए और भगवान के भजन कीर्तन करने चाहिए. द्वादशी को किसी ब्राह्मण को भोजन खिलाने और सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए.

6. एकादशी के दिन व्रत रखने वाले को स्वयं तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. एकादशी की शाम को तुलसी मैया के समक्ष दीपक जलाना चाहिए.

7. एकादशी के दिन परिवार में किसी को भी चावल या चावल से बनी चीजों को नहीं खाना चाहिए.

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ – 18 अगस्त 2021 को सुबह 03:20 बजे

एकादशी तिथि समाप्त – 19 अगस्त 2021 को सुबह 01:05 बजे

पारण समय – 19 अगस्त को सुबह 06:32 बजे से 08:29 बजे तक

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