धर्म-अध्यात्म

चंद्र ग्रहण पर भूल कर भी ना करें ये काम, गर्भवती महिलाओं के लिए है खास नियम

Subhi
7 Nov 2022 3:36 AM GMT
चंद्र ग्रहण पर भूल कर भी ना करें ये काम, गर्भवती महिलाओं के लिए है खास नियम
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देव दीपावली के पावन पर्व पर इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, देव दीपावली 08 नवंबर को है. इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. ये चंद्र ग्रहण कुल 3 घंटे 4 मिनट तक रहने वाला है, जिसमें भारत में भी ये ग्रहण 2 घंटे 02 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण माना जा रहा है जो कई मायनों में खास होगा. हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ माना गया है, सूतक के समय मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के समय इष्ट मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है. वहीं ग्रहण के बाद स्नान और दान का भी विशेष महत्व माना गया है. वहीं सबसे जरूरी इस ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतना होती है, तो चलिए जानते हैं इस ग्रहण में आपको किन-किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए? ग्रहण का समय कब रहेगा? सूतक क्‍या होता है?

पहले जान लीजिए चंद्र ग्रहण 2022 का समय

चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, 2022 यानी कार्तिक पूर्णिमा या गुरु नानक जयंती के दिन पड़ रहा है. ये ग्रहण दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा. इस ग्रहण का मध्‍य समय शाम 4 बजकर 29 मिनट रहेगा. ग्रहण के दिन सूतक सुबह 5 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगा. इस ग्रहण की समाप्ति शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगी.

चंद्र ग्रहण में सूतक काल क्‍या न करें

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक शुरू हो जाता है. सूतक के दौरान खाना-पीना, सोना, भगवान की मूर्तियों को छूना आदि कार्य शुभ नहीं माने जाते हैं, लेकिन बच्चे, बीमार और बूढ़े व्‍यक्ति जरूरत के अनुसार ये काम कर सकते हैं.

गर्भवती महिलाओं इन बातों का जरूर रखें ध्‍यान

चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को कुछ काम नहीं करना चाहिए, जैसे गर्भवती महिलाएं इस दौरान धारदार वस्तुएं जैसे- चाकू, छूरी, ब्लेड का यूज न करें. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को चंद्रमा के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए.

भारत में होगा चंद्र ग्रहण का असर

इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में कई जगहों पर दिखाई देगा. भारत में चन्द्रोदय के पहले ही ये ग्रहण शुरू हो जाएगा इस वजह से खण्ड और खग्रास ग्रहण की शुरूआत भारत के किसी भी क्षेत्र से नहीं देखने को मिलेगी. वहीं भारत के पूर्वी क्षेत्रों में खंड और खग्रास चंद्र ग्रहण का मोक्ष दिखाई देगा. भारत के दूसरे हिस्सों में भी खंड चंद्र ग्रहण का ही मोक्ष दिखाई देने वाला है.


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