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पितृपक्ष: साल के 16 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं जिसे पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर दिन शुक्रवार से हो चुकी है और समापन 14 अक्टूबर को हो जाएगा। पंचांग के अनुसार पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त हो जाता है।
इन 16 दिनों में लोग अपने मृत परिजनों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं लेकिन श्राद्ध पक्ष के दिनों में कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पूर्वज क्रोधित हो सकते हैं और आपको इसका बड़ा खामियाजा भी भरना पड़ सकता है तो आइए जानते है कि वो कौन से गलतियां है जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
पितृपक्ष के दिनों में ना करें ये काम—
पितृपक्ष के दिनों में तामसिक चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित माना गया है इस दौरान घर में सात्विक माहौल बनाकर रखना चाहिए अगर संभव हो तो इन दिनों में लहसुन प्याज का भी सेवन करने से बचें। माना जाता है कि पितृपक्ष के दिनों में तामसिक चीजों का प्रयोग करने से पितर नाराज़ हो जाते हैं। श्राद्ध पक्ष में बाल और नाखून भी नहीं काटना चाहिए। साथ ही इस दौरान ब्रह्माचर्य का पालन करना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज़ हो सकते हैं।
वैसे तो किसी भी समय पशु पक्षियों को नहीं सताना चाहिए लेकिन पितृपक्ष के दिनों में अगर आप ये गलती करते हैं तो पूर्वज क्रोधित हो सकते हैं जिससे आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा पितृपक्ष के 16 दिनों तक किसी भी तरह का धार्मिक, मांलिक कार्यों का आयोजन नहीं करना चाहिए इसे अच्छा नहीं माना जाता है।
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