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- हरियाली तीज पर न करें...
हरियाली तीज का व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था, इसीलिए इस दिन शिव-पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। हरियाली तीज इस साल 11 अगस्त दिन बुधवार को पड़ रहा है। यह व्रत बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु के लिए अन्न और जल का त्याग कर देती हैं। इस व्रत से दांपत्य जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा में शामिल होती हैं। आइये जानते हैं इस व्रत में क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए।
क्या करें
1. इस दिन सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां पहनना चाहिए, इसे पति की लंबी उम्र, सेहत और खुशी का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं मुख्य रूप से हरे रंग का प्रयोग करती हैं क्योंकि इसे उल्लास का प्रतीक माना जाता है
2. हरियाली तीज पर माता-पिता अपनी विवाहित बेटी को साड़ी, श्रृंगार का सामान, मिठाई, फल आदि भेजते हैं। इस दिन मायके से आएं समानों का प्रयोग किया जाता है।
3. हरियाली तीज के दिन बड़ों का आदर-सम्मान करें, सभी के प्रसन्नता का ख्याल रखें और अच्छे कार्य करें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
4. हरियाली तीज व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को हरियाली तीज की व्रत कथा सुनना ही चाहिए। बिना इसके व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता है।
5.हरियाली तीज के दिन माता माता पार्वती से जु़ड़ी गीत और कथाओं को सुनना चाहिए। इससे माता प्रसन्न होती हैं।
भूलवश भी ये न करें
1. हरियाली तीज के दिन किसी पर क्रोध न करें, अपमान न करें, लड़ाई-झगड़े से बचें और मन में किसी भी तरह के नकारात्मक भाव न आने दें।
2. हरियाली तीज के दिन अपने जीवन साथी से झूठ न बोलें और कोई भी बात न छुपाएं वरना पति के ऊपर दुख के बादल मंडराने लगेंगे।
3. हरियाली तीज व्रत में काले और सफेद कपड़ों को भूल से भी नहीं पहनना चाहिए। वरना जीवन में अशुभ होने की आशंका बनती है।
4. हरियाली तीज के दिन पानी पीने से बचें हालांकि गर्भवती और बीमार महिलाओं पर यह लागू नहीं होता है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'