धर्म-अध्यात्म

चंद्र ग्रहण में न करें ये काम

Apurva Srivastav
3 Oct 2023 3:50 PM GMT
चंद्र ग्रहण में न करें ये काम
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वर्ष 2023 में 5 मई को प्रथम चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लग चुका है और दूसरा चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 29 अक्टूबर रविवार को लगने वाला है. इस दिन देर रात एक बजकर छह मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और दो बजकर बाइस मिनट पर समाप्त होगा.
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?
अक्टूबर 2023 में लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में और हिंद महासागर, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका से भी दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण और सूतक का समय
ज्‍योतिषाचार्य का कहना है कि साल के दूसरे और आखिरी चंद्र ग्रहण की बात करें तो ये 28 और 29 अक्‍टूबर की मध्‍यरात्रि में लगने जा रहा है. ये ग्रहण 28 अक्‍टूबर को रात को 01:05 बजे से लगेगा और रात 02:24 पर समाप्‍त होगा. इस ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखेगा इसलिए सूतक के नियम भी यहां लागू होंगे. सूतक काल 28 अक्‍टूबर की शाम 4 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो जाएंगे. इसी के साथ सूतक के नियम भी लागू हो जाएंगे और मंदिर वगैरह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे.
चंद्र ग्रहण में न करें ये काम
चंद्र ग्रहण के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के कारण रखा हुआ भोजन विष के समान हो जाता है, जिसे यदि आप ग्रहण करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य दिक्कतें हो सकती हैं.
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान भूलकर भी घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का पेट में जन्म ले रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रखें. पूजा-पाठ की चीजों को स्पर्श न करें.
चंद्र ग्रहण समाप्त होने पर करें ये काम
चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का इंसानों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव को तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल भी मिला कर स्नान करें.
ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें. साथ ही घर के पूजा स्थल के पास और उसके अंदर गंगा जल का छिड़काव अवश्य करें. इससे नकारात्मकता दूर होता है और घर शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गाय को रोटी खिलाएं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ दान अवश्य करें.
कब लगता है पूर्ण चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं. पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इस बीच ऐसा समय आता है जब पृथ्‍वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं. पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है. इसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती. इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं. ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है.
कितने प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण के तीन अलग-अलग रूप पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और पेनुमब्रल या उपछाया चंद्रग्रहण हैं. आइए इन तीनों के विषय में विस्तारपूर्वक जानते हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान जपें ये मंत्र
चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण तमाम राशियों पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं.
चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद क्या करें
चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का इंसानों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव को तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल भी मिला कर स्नान करें.
ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें. साथ ही घर के पूजा स्थल के पास और उसके अंदर गंगा जल का छिड़काव अवश्य करें. इससे नकारात्मकता दूर होता है और घर शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गाय को रोटी खिलाएं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ दान अवश्य करें.
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