- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- भूलकर भी गाय के साथ न...
x
गाय को सबसे पवित्र पशु माना गया है. उसे छोटा सा कष्ट पहुंचाना भी बड़े पाप का कारण बनता है. गाय को लेकर शास्त्रों में बहुत अहम मानी गई है, जिन्हें दूध दुहने से लेकर पीने वाले के लिए भी जानना जरूरी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में गाय को बहुत शुभ और पूजनीय माना गया है. गाय को मां का दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म में कुछ खास मौकों पर गाय की ही पूजा की जाती है. लेकिन कुछ लोग गाय के दूध देना बंद करते ही उसके साथ र्दुव्यवहार करने लगते हैं. धर्म-शास्त्रों में गाय को कष्ट पहुंचाने को महापाप बताया गया है. इनमें गाय को पहुंचाए गए हर कष्ट के लिए मिलने वाली यातना के बारे में भी बताया गया है.
भूलकर भी गाय के साथ न करें ऐसे काम
- गाय के दूध देना बंद करने के बाद भी उसे दिए जाने वाले भोजन, चारे को कम करना या बंद करना व्यक्ति को नर्क का भागी बनाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि गाय वृद्ध हो जाए या अनुपयोगी हो जाए तब भी उसकी मां की तरह सेवा करना चाहिए.
- गाय को मारना अपनी मां को मारने जैसा निंदनीय और घृणास्पद काम है. ऐसा करने वाला व्यक्ति नर्क में लंबे समय तक कष्ट भोगता है और अगले जन्म में मनुष्य की बजाय पशु योनि में ही जन्म लेना पड़ता है.
- शास्त्रों के मुताबिक गाय के उस दूध का ही दोहन और सेवन करना चाहिए जो बछड़े के पीने के बाद बच गया हो. जो लोग बछड़े के हिस्से का दूध भी दुह लेते हैं. उस दूध को दुहने और उसका सेवन करने वाले को घोर पाप लगता है.
- आराम कर रही गाय को कष्ट देकर उठाने वाले लोगों के लिए शास्त्र में कहा गया है कि ऐसे लोग अगले जन्म में दर-दर भटकते हैा. कहते हैं कि जिस स्थान पर गाय बैठती है वहां से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. इसलिए बैठी हुई या आराम कर रही गाय को कभी कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए.
- इसी तरह गाय को भोजन करने या पानी पीने के दौरान उसे बीच में भगाने वाला व्यक्ति नर्क में यातनाएं पाता है. बल्कि जो लोग गाय के लिए प्याऊ और चारागाह बनवाते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वे स्वर्ग पाते हैं. इतना ही नहीं ऐसे लोग का अगला जन्म ऊंचे और धनवान परिवार में जन्म लेकर अपार सुख पाता है.
- बूढ़ी या बीमार गाय के दान को भी शास्त्र में पाप कर्म का कारण बताया है. वहीं दूध दुहने वाली गाय का बछड़े के साथ दान करना बहुत शुभ और पवित्र कार्य माना गया है.
- गोहत्या को तो सबसे नीच कर्म माना गया है. ऐसा काम 5 महापापों की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे लोगों का न केवल जीवन बल्कि मृत्यु भी बहुत कष्टप्रद रहती है. उन्हें नर्क में बहुत बुरी यातनाएं भुगतनी पड़ती हैं.
Bhumika Sahu
Next Story