धर्म-अध्यात्म

दीपक जलाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां

Apurva Srivastav
3 Oct 2023 5:29 PM GMT
दीपक जलाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
x
दीपक, आरती यानी की अग्नि का वह छोटा स्वरूप, जिस देव शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को करने के दौरान दीपक जलाने का विधान है। देवताओं की पूजा-अर्चना करने से लेकर हवन, पाठ या किसी मांगलिक कार्यक्रम में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आरती में कितनी बाती का प्रयोग करने से फायदा मिलता है।
जानिए दीपक जलाने का महत्व
शाम के समय यानी की संध्याकाल के समय दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने के घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। संध्याकाल के दौरान घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
दीपक जलाने के नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपक जलाने का एक उचित स्थान बताया गया है। मंदिर में दीपक को हमेशा भगवान की मूर्ति या प्रतिमा के सामने रखना चाहिए। वहीं अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं। तो इसे अपनी बाईं तरफ रखना चाहिए। तेल के दीपक को अपनी दाईं ओर रखना चाहिए। तेल का दीपक जलाने के दौरान उसमें हमेशा लाल बाती का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही घी के दीपक में हमेशा रूई की बनी बाती का इस्तेमाल करना चाहिए।
आरती में कितनी बाती
आमतौर पर पांच बाती वाले दीपक से आरती आदि की जाती है। पांच बाती वाले दीपक को पंचबाती भी कहा जाता है। आरती के दौरान पंचदीप जलाना शुभ और सर्वोत्तम माना जाता है। हालांकि ऐसे तो रोजाना घरों में आरती के दौरान एक बाती का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि 5, 7 या कोई भी विषम संख्या में बाती का दीपक जलाकर आरती करने का विधान है।
Next Story