धर्म-अध्यात्म

साल के अंतिम एकादशी पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, हो सकते हैं क्रोधित

Triveni
17 Dec 2022 9:27 AM GMT
साल के अंतिम एकादशी पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, हो सकते हैं क्रोधित
x

फाइल फोटो 

पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन वर्ष 2022 का अंतिम एकादशी व्रत रखा जाएगा।

जनता से रिश्ता वबेडेस्क | पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन वर्ष 2022 का अंतिम एकादशी व्रत रखा जाएगा। जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से भक्तों के सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। शास्त्रों में सफला एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है। साथ ही कुछ विशेष नियमों के विषय में बताया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। सफला एकादशी पर व्यक्ति को कुछ ऐसे कार्यों से बचना चाहिए, जिनसे भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं। आइए जानते हैं वह सभी कार्य जिन्हें एकादशी व्रत के दिन नहीं करना चाहिए।

सफला एकादशी 2022
पंचांग एक अनुसार पौष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 19 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 32 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन सुबह 02 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार व्रत 19 दिसंबर के दिन रखा जाएगा।
सफला एकादशी पर ना करें ये कार्य (Saphala Ekadashi 2022 Niyam)
शास्त्रों में बताया गया है कि व्यक्ति को सफला एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन प्याज, लहसुन का सेवन करने से पूजा का उचित फल प्राप्त नहीं होता है और व्यक्ति से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।
साथ ही यह भी बताया गया है कि एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को किसी से भी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भी भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शास्त्रों के अनुसार एकादशी के बाल व नाखून काटना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है और ग्रह दोष का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। इसलिए एकादशी के दिन भूलकर भी यह कार्य ना करें।
एकादशी के दिन चावल के सेवन पर मनाही है। इसका दुष्परिणाम व्यक्ति को अगले-जन्म में भोगना पड़ता है। साथ ही इस दिन घर में झाड़ू के इस्तेमाल पर भी पाबंदी है। झाड़ू के उपयोग से छोटे जीवों की हत्या का भय बढ़ जाता है।

Next Story