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पितृपक्ष;कल यानी 29 सितंबर दिन शुक्रवार से पितरों को समर्पित पितृपक्ष का आरंभ होने जा रहा है जिसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार पितृपक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होता है और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त हो जाता है।
पितृपक्ष पूरे 16 दिनों का होता है इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं माना जाता है कि इस दौरान पूर्वज धरती पर आकर अपने वंशजों द्वारा श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान को स्वीकार कर उन्हें सुख समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं लेकिन कुछ ऐसे काम है जिन्हें पितृपक्ष के 16 दिनों में भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पूर्वज नाराज़ हो जाते हैं और पितृदोष भी लगता है तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
पितृपक्ष में घर ना लाएं ये चीजें—
शास्त्र अनुसार पितृपक्ष का समय पूर्वजों को समर्पित होता है ऐसे में इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि इस दौरान नए वस्त्रों की खरीदारी न करें। इन दिनों में वस्त्रों का दान किया जा सकता है लेकिन वस्त्रों की खरीदारी करने से पूर्वज क्रोधित हो सकते हैं। श्राद्ध पक्ष के 16 दिनों तक घर जमीन आदि की खरीदारी करने से भी बचना चाहिए। कहते हैं कि जो लोग इस दौरान घर या जमीन की खरीदारी करते हैं उन्हें सुख की प्राप्ति नहीं होती है।
इसके अलावा श्राद्ध के दौरान भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए इसे वर्जित माना गया है अगर कोई ऐसा करता है तो उसे पितृदोष के कष्टों को झेलना पड़ता है। पितृपक्ष के दिनों में लोहे से बने सामान की खरीदारी करने से भी परहेज करना चाहिए। कहते हैं कि इस दौरान अगर इन चीजों को खरीदकर घर लाया जाए तो घर में नकारात्मकता का वास होने लगता है जो परेशानियां बढ़ाती है।
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