धर्म-अध्यात्म

रोजाना पूजा के दौरान करें काली माता की आरती, सुख शांति की होगी प्राप्ति और बुराइयां होंगी दूर

Subhi
10 July 2022 2:19 AM GMT
रोजाना पूजा के दौरान करें काली माता की आरती, सुख शांति की होगी प्राप्ति और बुराइयां होंगी दूर
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हिंदू धर्म में देवी काली को शक्ति सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख देवी माना गया है। मां काली बुराई का विनाश करती हैं। इनकी पूजा उपासना से भय का नाश होता है, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की रक्षा और शत्रुओं का नियंत्रण होता है। कहा जाता है कि मां काली की उपासना से तंत्र मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं।

हिंदू धर्म में देवी काली को शक्ति सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख देवी माना गया है। मां काली बुराई का विनाश करती हैं। इनकी पूजा उपासना से भय का नाश होता है, आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की रक्षा और शत्रुओं का नियंत्रण होता है। कहा जाता है कि मां काली की उपासना से तंत्र मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं। वो शेर की सवारी करती हैं। खोपड़ी की एक माला पहनती हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई बार उनके अवतार के कारण गलत समझा जाता है। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि दिव्य मां के रूप में मां काली सभी देवताओं में सबसे दयालु हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काली माता को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका उनकी प्रतिमा की पूजा और आरती करना है। पूजा के दौरान रोजाना मां काली की आरती को करने से बुराई दूर होती है। साथ ही स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन प्राप्त होता है।

मां काली की आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,

तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |

दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |

सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,

दुशटन को तू ही ललकारती |

हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

माँ बेटी का है इस जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |

पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |

सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,

दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |

हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |

हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |

सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,

सतियो के सत को संवरती |

हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |

वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |

माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,

भक्तो के करेज तू ही सरती |

हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |

तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


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