धर्म-अध्यात्म

वैशाख पूर्णिमा पर करें व्रत पूजन की विधि

Tara Tandi
2 May 2023 1:50 PM GMT
वैशाख पूर्णिमा पर करें व्रत पूजन की विधि
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हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की ति​थि को बेहद ही खास माना जाता है। अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 5 मई को पड़ रही है। इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ का खास महत्व होता है। मान्यता है कि पूर्णिमा ​तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने से साधक के सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नावां अवतार माना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा पर दान धर्म के कार्य करने से साधक पर देवी देवताओं की कृपा बरसती है साथ ही सभी दुख का भी नाश हो जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा वैशाख पूर्णिमा से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते है।
ति​थि और मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 मई को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट से हो रहा है और समापन 5 मई को रात्रि 11 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा 5 मई को मनाई जाएगी।
पूजा की विधि—
आपको बता दें वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें। व्रत पूजन का संकल्प करते हुए पूजन स्थल की साफ सफाई करें फिर भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं प्रभु की विधिवत पूजा करें भगवान को सभी पूजन सामग्री अर्पित करें इसके बाद आरती और व्रत कथा का पाठ करें और अपनी प्रार्थना प्रभु से कहें। इसके बाद शाम के वक्त चंद्रमा को जल जरूर अर्पित करें।
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