धर्म-अध्यात्म

आज एकादशी पर कर लें एक छोटा सा काम, होगा जबरदस्त धन लाभ

Bhumika Sahu
12 Feb 2022 2:36 AM GMT
आज एकादशी पर कर लें एक छोटा सा काम, होगा जबरदस्त धन लाभ
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Jaya Ekadashi 2022: माघ महीने की जया एकादशी आज है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. साथ ही धन लाभ भी होता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ महीने को बेहद पवित्र कहा जाता है. इस माह की एकादशी जया एकादशी कही जाती है. जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना से जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. साथ ही धन लाभ होता है. माघ शुक्ल की एकादशी यानि जया एकादशी (Jaya Ekadashi 2022) आज है. ऐसे में मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान विष्णु के संग-संग मां लक्ष्मी की आरती जरूर करनी चाहिए.

मां लक्ष्मी की आरती (Lakshmi Mata Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता....Jaya Ekadashi 2022: माघ महीने की जया एकादशी आज है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. साथ ही धन लाभ भी होता है.

ॐ जय लक्ष्मी माता...।।

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
जिस घर तुम रहती सब सद्गुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
भगवान विष्णु की आरती (Vishnu Ji ki Aarti)
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...


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